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लहसुन (Garlic): दिन मे लहसुन की एक कली का सेवन करे और खुद को बचाए हार्ट अटैक से (Garlic : Incredible for Heart)

लहसुन का परिचय: (Introduction of Garlic)

Table of Contents

लहसुन क्या है? (What is Garlic?)

भारतीय रसोई में भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए भिन्न भिन्न तरह के मसलों का प्रयोग किया जाता है| इन्ही में से एक है लहसुन | यह रसोई का वह मसाला है जिसके बिना कोई भी व्यंजन अधुरा ही लगता है| पूरे भारत में इसे सभी जगह प्रयोग किया जाता है| अधिकतर लोग इसे सिर्फ खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए ही काम में लेते है| लेकिन यह खाने को स्वादिष्ट बनाने के सिवाय भी कई ऐसे काम करता है जिनके बारे में हम अभी तक अनजान थे|

आइये आज आपको लहसुन के उन सभी गुणों से परिचित कराते है जिन्हें जान कर आप अपना जीवन बदल सकते है| इसका सेवन एक स्वस्थ व्यक्ति को भी करना ही चाहिए| आयुर्वेद के अनुसार इसमें ऐसे कई गुण पाए जाते है जिनके चलते कई ऐसे रोगों का शमन किया जा सकता है जिनके बारे में हमें ज्ञात तक न हो|

यह मुख्य रूप से कफ और वात से जुड़े रोगों में काम में लिया जाता है| इसके ऐसे कितने ही उपयोग है जिनकी जानकारी हर एक मनुष्य को होनी चाहिए| तो चलिए आपको भी आयुर्वेद की इस औषधि से पूर्ण रूप से परिचित कराते है|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Morphology of Garlic)

यह एक बहुवर्षायु पौधा होता है| इसके कंद बाहरी भाग से सफ़ेद रंग के पतले छिलकों से ढके हुए होते है| इस कंद को ही लहसुन कहा जाता है| एक कंद के अन्दर लहसुन की लगभग 12 कलियों तक हो सकती है| इसका कांड सरल, चिकना और आकार में कुछ गोल होता है| पत्ते आगे से नुकीले, लम्बे, चपटे तथा हरे रंग के दिखाई पड़ते है| इसके फूल छोटे तथा सफ़ेद रंग के दिखाई देते है| इसके फूल और फल फरवरी से अप्रैल के बीच आते है|

इसके अलावा इसकी दो प्रजातियाँ और पायी जाती है जिनका प्रयोग भी चिकित्सा के लिए किया जाता है-

  • सान्द्र्पुष्प रसोन
  • वन्य रसोन

लहसुन में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients of Garlic)

  • अमीनो अम्ल
  • फोलिक अम्ल
  • विटामिन C, A, E, B
  • फाइबर
  • कैल्शियम
  • आयरन
  • मैग्नेशियम
  • फास्फोरस
  • सेलेनियम
लहसुन के सामान्य नाम Herbal Arcade

लहसुन के सामान्य नाम (Garlic common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Allium sativum
अंग्रेजी (English)Garlic 
हिंदी (Hindi)लहसुन, लशुन
संस्कृत (Sanskrit)लहसुन , रसोन , उग्रगन्ध , महौषध, म्लेच्छकन्द, यवनेष्ट, रसोनक
अन्य (Other)बेल्लुल्लि (कन्नड़) लसण, शूनम (गुजराती) वेल्लापुंडू (तमिल) रसून (बंगाली) लसूण (मराठी)
कुल (Family)Liliaceae 

लहसुन के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Ayurvedic Properties of Garlic)

दोष (Dosha)कफवातशामक, पित्तवर्धक
रस (Taste)कटु, तिक्त, कषाय, मधुर, लवण
गुण (Qualities)गुरु, तीक्ष्ण, स्निग्ध
वीर्य (Potency)उष्ण
विपाक(Post Digestion Effect)कटु
अन्य (Others)वेदनाशामक, त्वगदोषहर, पाचन, दीपन
Ayurvedic properties of Lahsun Herbal Arcade

लहसुन के औषधीय फायदे एवं उपयोग ( Benefits and usage of Garlic)

वात सम्बन्धी रोगों में फायदेमंद लहसुन (Garlic for vata disease)

  • वात रोगों में लहसुन का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद बताया गया है| आयुर्वेद के अनुसार यदि शरीर में किसी भी प्रकार का दर्द है तो वह वात के कारण ही होता है| तो ऐसे में आप निम्न उपाय अपना सकते है|
  • यदि आप आमवात जैसी समस्या से परेशान है तो सोंठ और निर्गुन्डी का काढ़ा बनाते समय उसमे लहसुन भी डाले| इस काढ़े का 15 ml तक की मात्रा में सेवन करना चाहिए| इससे आमवात की समस्या में बहुत ही जल्द परिणाम देखने को मिलते है|
  • इसके अलावा आप लशुन के रस में घी मिलाकर भी आमवात की समस्या में ले सकते है|
  • लहसुन को जिस तेल में पकाया गया हो यदि उस तेल की मालिश आमवात या गठिया रोग में की जाती है तो इससे दर्द में आराम मिलता है| इस तेल को आप अन्य दर्द में भी काम में ले सकते है|
  • यदि लशुन के काढ़े में दूध मिलाकर बहुत थोड़ी मात्रा में भी प्रयोग किया जाता है तो इससे गृध्रसी रोग का शमन करने में मदद मिलती है|
  • यदि आपको मोच की समस्या हो रही है तो आप लशुन के रस में नमक मिलाकर लगा सकते है इससे जल्द ही इस समस्या में आराम देखने को मिलेगा|
  • सुबह उठने के बाद यदि आपको गर्दन में कुछ अकड़न जैसा महसूस होता है तो ऐसे में आप सुबह सुबह लशुन के पेस्ट को सैंधे नमक तथा तिल के तेल के साथ मिलाकर खाये|
  • इसके अलावा जकड़न में आप माष को लशुन के साथ अच्छे से पीस कर उसमे सैंधानमक, अदरख का पेस्ट, हींग का चूर्ण इन सब को मिलाकर तिल के तेल में छानकर सेवन करने से भी लाभ ले सकते है|
  • लशुन से बने हुए पेस्ट को यदि घी के साथ खाया जाता है तो इससे मुख के लकवे में लाभ मिलता है|
  • वात रोगों में आप लशुन के रस को तेल में सेक कर उस तेल का प्रयोग कर सकते है| यह आपको वात रोगों में बहुत अच्छा परिणाम देगा|

अस्थमा या दमा में (Garlic for Asthma)

  • वायु प्रदुषण के कारण सांस से जुडी समस्याएँ बढती जा रही है| ऐसे में अस्थमा भी एक ऐसी समस्या है जिसके मरीज दिन दिन बढ़ते जा रहे है| ऐसे में यदि लशुन के रस को हल्के गर्म पानी के साथ लिया जाता है तो अस्थमा में लाभ मिलता है|

हिक्का की समस्या में (Garlic for hiccup)

  • हिचकी आना एक बहुत साधारण सी बात है| सामान्यतः यह कुछ देर बाद अपने आप बंद हो जाती है| परन्तु कुछ लोगो में ऐसा होता है की यह हिचकी बहुत अधिक पीड़ादायक तथा काफी देर तक चलने वाली होती है| ऐसे में यदि नस्य विधि द्वारा लशुन और कांदे के रस का सेवन किया जाता है तो लाभ मिलता है|

टी.बी. में लाभदायक (Garlic for T.B.)

  • टी.बी. की समस्या में यदि दूध और लशुन को एक साथ लिया जाता है तो इससे लाभ मिल सकता है| 

त्वचा से जुड़े हुए रोगों के लिए (Garlic for skin disease)

  • दाद होने पर लहसुन को यदि प्रभावित स्थान पर लगाया जाता है तो इससे थोड़ी जलन होती है परन्तु इसके बाद दाद आगे नही बढ़ता तथा दाद का शमन हो जाता है|
  • इसी प्रकार यदि सिर में दाद हो रहे तब भी आप इस उपाय को अपना सकते है|
  • त्वचा रोगों पर लशुन से सिद्ध तेल को लगाने से रोग त्वचा रोगों को दूर किया जा सकता है|
  • लशुन के पेस्ट को यदि अल्प मात्रा घाव पर लगाया जाता है तो इससे घाव के कीड़े मरते है तथा घाव में लाभ मिलता है|

पाचन के कारगर लहसुन (Garlic for good digestion)

लशुन में पाचन तंत्र को सुधारने के गुण पाए जाते है| यदि आपको भोजन करने के बाद अपच की समस्या होती है तो आप लशुन का सेवन कर सकते है| आप इसे यदि प्रातः काल भूखे पेट चबा चबा कर खाये तो यह आपकी पाचक अग्नि को बढ़ा कर भोजन को पचाने में मदद करेगा|

उच्चरक्तचाप को नियंत्रित करे (Garlic for high blood pressure)

  • यदि आप उच्चरक्तचाप की समस्या में कच्चे लशुन का सेवन करते है तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होगी| यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में आपकी मदद करेगी| निम्न रक्तचाप वाले व्यक्ति कच्चे लशुन का सेवन न करे तो बेहतर होगा|
  • इसके अलावा इसके काढ़े में दूध मिलाकर पीने से भी ह्रदय से जुड़े रोगों में लाभ देखने को मिलता है|

बालों के लिए (Garlic for hairs)

benefits of garlic Herbal Arcade
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  • यदि किसी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड रहे है या बाल झड़ने के कारण गंजेपन की समस्या हो गयी है तो ऐसे में लशुन को तिल के तेल में अच्छे से सेक ले| इससे लशुन के गुण तेल के अन्दर आ जायेंगे| अब इस तेल की मालिश सिर में करने से बाल वापस आना शुरू हो जायेंगे|

सिर दर्द में (Garlic for headache)

  • यदि आपको आधासीसी या माइग्रेन की समस्या है तथा उसके कारण बहुत तेज सिर दर्द होता है तो ऐसे में आप लशुन के कल्क को माथे पर लगा सकते है| ऐसे में सिर दर्द से राहत मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है|

विसूचिका रोग के लिए

  • यदि आप विसूचिका रोग से परेशान है तो लशुनादी वटी का सेवन कर सकते है| आप यह वटी सुबह शाम ले सकते है| इससे जल्द ही आपको परिणाम देखने को मिलेंगे|

प्लीहा वृद्धि को रोके (Garlic for spleen disease)

  • प्लीहा वृद्धि शरीर को काफी मात्रा में नुकसान पहुंचा सकती है| इसी कारण इसे रोकना बहुत अधिक आवश्यक हो जाता है| ऐसे में यदि बराबर मात्रा में पिप्पली की जड़, हर्रे और लशुन से बने हुए चूर्ण का सेवन किया जाता है तो प्लीहा से जुड़े विकारों का शमन किया जा सकता है|

पेट के कीड़ों को मारे (Garlic for stomach bugs)

  • कई बार हमारे पेट में ऐसे कीड़े जन्म ले लेते है जो हमारे द्वारा खाये हुए भोजन को अंग नही लगने देते| इससे शरीर दिन दिन कमजोर होता जाता है| इसे दूर करने के लिए यदि आप कच्चे लशुन की एक या दो कलियों का सेवन सुबह खली पेट करे तो अच्छा रहेगा|

लहसुन से मिलने वाले अन्य फायदे (Other benefits of Garlic)

  • बुखार को दूर करे
  • विषाक्त पदार्थो को शरीर से बाहर निकाले
  • वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करे
  • दांतों के लिए फायदेमंद

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Garlic)

  • कंद
  • फल

सेवन मात्रा (Dosage of Garlic)

क्वाथ – 10-15 ml तक

सावधानियाँ (Precautions of Garlic)

  • कमजोर लीवर वाले, गर्भावस्था में, सर्जरी से पहले ल का सेवन नही करना चाहिए|
  • पित्त रोग, खून की कमी, दुर्बल शरीर वाले व्यक्ति को भी इसके सेवन से बचना चाहिए|
  • आप लहसुन की एक से दो कलियाँ सुबह खाली पेट ले यह सबसे उपयुक्त रहता है| यदि आप चाहे तो इसका सेवन दिन में कर सकते है|

लहसुन से निर्मित औषधियां (Medicines Manufactured with Garlic)

  • लशुनादी वटी