गेहूं (Wheat)
गेहूं का परिचय: (Introduction of Gehun)
गेहूं क्या है? (Gehun kya hai?)
वैसे तो खाने के लिए कई अलग अलग प्रकार की चीज़ें होती है लेकिन भारतीय लोगो का पेट तो तभी भरता है जब वे गेहूं की रोटी खाते है| पूरे भारत में गेंहूँ की रोटी गरीब से गरीब और अमीर से अमीर व्यक्ति भी खाता है| भारत में यह दैनिक जीवन में खाया जाने वाला खाद्य पदार्थ है जिससे थोड़े दिन भी दूर नही रहा जा सकता है| एक बार के लिए गेहूँ की जगह खाये जाने वाले फ़ास्ट फ़ूड से मन भर जाता है लेकिन गेहूं को पूरे जीवन भी खा लेने से मन नही भरता है|
यह हमारे दैनिक जीवन की ऊर्जा का स्रोत होता है| इसकी रोटी, हलवा आदि चीज़ें बनाये जाते है| धार्मिक स्थलों पर महिलाएं इसके आटे के दिये बनाकर उपयोग में लेती है| आपको जानकर शायद हैरानी होगी कि जिस गेहूं के आटे का सेवन आप रोज करते है आयुर्वेद में उसे एक औषधि के रूप में काम में लिया जाता है|
गेहूं में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मैग्नीशियम, आयरन, सोडियम, खनिज, विटामिन्स आदि पाए जाते है| आइये आपको भी परिचित कराते है गेहूं और उससे होने वाले फायदों के बारे में जिसे जान कर कोई भी इसका इस्तेमाल आसानी से कर पायेगा|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Gehun ki akriti)
यह एक मध्यम आकार का पौधा होता है| इसका तना पोला होता है| पत्तें लम्बे होते है| इसका फल पीले भूरे रंग का का होता है| इसके एक तरफ एक धारी होती है जो उस भाग को दो भागों में बाटती है| यह दिसम्बर से अप्रैल के बीच आता है|
गेहूं के सामान्य नाम (Gehun common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Triticum aestivum |
अंग्रेजी (English) | Wheat, Common bread wheat |
हिंदी (Hindi) | गेहूँ, कनक |
संस्कृत (Sanskrit) | गोधूम, सुमन, यवानक, निष्तुषा, नन्दीमुख, क्षिरि, रसाल |
अन्य (Other) | गहना (उड़िया) गोवम (गुजराती) गोदूमाई (तमिल) गोम (बंगाली) गंधूम (पंजाबी) |
कुल (Family) | Poaceae |
गेहूं के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Gehun ke fayde or upyog)
ह्रदय के लिए फायदेमंद गेहूं (Gehun for heart)
- ह्रदय रोगों में इसका सेवन बहुत फायदेमंद होता है| यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है| गाय के घी और दूध में गेहूँ और अर्जुन की छाल को पका कर शहद मिलाकर खाने से ह्रदय रोगों से बचाव किया जा सकता है|
- गेहूं में पाए जाने वाले पोटेशियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व ह्रदय को बल देने और रोगों से सुरक्षा का काम करते है| मैदे का सेवन हटा कर यदि उचित मात्रा में गेहूँ का सेवन किया जाता है तो लाभ मिलता है| इसके सेवन से सीने में होने वाले दर्द में भी आराम मिलता है|
पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाये (Gehun for digestion)
- गेहूँ में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो हमारे पाचन तंत्र की क्रिया को सुचारू रूप से चलाता है| यदि मानव का पाचन तंत्र सही होगा तो वह अधिक समय और अधिक क्षमता के साथ रोगों से लड़ पाने में सक्षम होता है| इसके साथ ही व्यक्ति की दुर्बलता और कमजोरी का भी शमन होता है| फाइबर अधिक देर तक पेट को भरा हुआ महसूस कराता है जिससे वजन भी नही बढता है|
खून की कमी पूरा करें (Gehun for anemia)
- यदि आपके शरीर में भी खून की कमी हो गयी है और उसे पूरा करने के लिए आप एक अच्छा स्रोत धुंध रहे है तो गेहूँ एक अच्छा स्रोत साबित हो सकता है| इसमें उच्च मात्रा में आयरन पाया जाता है जो शरीर के हीमोग्लोबिन की वृद्धि करता है जिसके चलते खून में भी वृद्धि होती है| इतना ही नहीं यह रक्त का भी शोधन करता है जिससे सारे विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकाल जाते है|
पेट दर्द में (Gehun for stomach ache)
- कफ के प्रकुपित होने पर उत्पन्न पेट दर्द का शमन करने के लिए आप इसके चूर्ण से विभिन्न प्रकार की चीज़ें बना कर शहद के साथ ले सकते है| इससे बहुत जल्द आपका पेट दर्द समाप्त हो जायेगा|
त्वचा सम्बंधित रोगों में (Gehun for skin disease)
- जले हुए स्थान पर इससे बने हुए आटे का लेप बना कर लगाने से जले हुए स्थान पर ठंडक मिलती है| इसके साथ ही सूजन और जलन भी शांत होती है| शरीर पर खुजली, फुन्सिया, विसर्प होने पर भी इस लेप का प्रयोग किया जा सकता है|
- त्वचा रोगों में इसके चोकर से बने काढ़े से नहाना काफी लाभदायक सिद्ध होता है| इसमें सूजन का शमन करने वाले गुण भी पाए जाते है|
- घाव पर गेहूँ, निर्गुन्डी के बीज, मसूर, मटर आदि द्रव्यों का चूर्ण बना कर लगाया जाता है तो इससे घाव जल्दी भरता है|
- कुष्ठ रोग में गेहूं का विभिन्न प्रकार से सेवन करना लाभ पहुंचाता है|
- इनके साथ ही इसका सेवन करने से चेहरे पर चमक भी आती है| इसे महिलाऐं और पुरुष दोनों ही प्रयोग में ले सकते है|
बालों के लिए (Gehun for hair)
- गेहूँ का सेवन बालों के लिए काफी अच्छा होता है| इसके सेवन से बालों में नमी और मुलायमता बनी रहती है| इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व बालों को मजबूत बनाने में भी सहायता करते है|
हड्डियों के लिए लाभदायक (Gehun for bones)
- इसमें अच्छी मात्रा में कैल्शियम उपस्थित होता है जो हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए काम आता है| यदि हड्डी में किसी प्रकार की दरार या हड्डी टूट गयी हो तो गेहूँ, लाक्षा, अर्जुन की छाल, अस्थिश्रृंखला को घी में सेक कर खाने के बाद दूध का सेवन करना चहिये| इससे टूटी हुई और खिसकी हुई हड्डी अपने स्थान पर आ जाती है|
मधुमेह में (Gehun for diabetes)
- मधुमेह में इसके आटे से जो चोकर निकलता है, उसका सेवन करने से आपके रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रित हो सकता है|
खांसी का शमन करे (Gehun for cough)
- गेहूँ से बने हुए काढ़े में लवण मिलाकर खाने से खांसी में लाभ मिलता है| इसके अलावा आप गेहूँ के साथ जौ, काकोल्यादी समूह की औषधि को पीसकर शहद, दूध और घृत के साथ लेने से से भी खांसी का शमन किया जा सकता है|
पसीने की गंध से छुटकारा दिलाये गेहूं
- इसके आटे से निकलने वाले चोकर के काढ़े से यदि नहाया जाता है तो पसीने से आने वाली गंध से कुछ ही समय में छुटकारा पाया जा सकता है|
मूत्राशय की पथरी का शमन करे (Gehun for kidney stone)
- चण्वक और गेहूं से बने हुए काढ़े को पथरी के रोगी को पिलाने से पथरी गल कर मूत्राशय से बाहर निकल जाती है|
कैंसर से बचाव करे (Gehun for cancer)
- गेहूं का प्रयोग कैंसर की किसी भी प्रकार की चिकित्सा नही है| लेकिन इसका सेवन करने से कैंसर से बचाव जरुर होता है| गेहूं के ज्वारे, गुडूची, नीम और तुलसी के रस को एक साथ लेने से कैंसर से बचाव किया जा सकता है| इसके साथ ही इससे बुखार का भी शमन किया जा सकता है|
प्रमेह में गेहूं
- गेहूं से बनी हुई चीजों का सेवन प्रमेह रोग में लाभदायक साबित होता है| इसके सेवन से आपको प्रमेह रोग से छुटकारा मिल सकता है|
अंडकोष की वृद्धि को नियंत्रित करे गेहूं
- गेहूँ और कुंदुरु के पेस्ट को भेड़ के दूध में विधि अनुसार गर्म कर लें| इसका लेप करने से अंडकोष की वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Gehun)
- चोकर
- पत्ती
- बीज
सेवन मात्रा (Dosage of Gehun)
- चिकित्सक के अनुसार