केला (BANANA)
केले का परिचय: (Introduction of Kele)
केले क्या है? (Kele kya hai?)
केला एक ऐसा फल है जो पूरे भारत में बड़े ही चाव के साथ खाया जाता है| सिर्फ केले का ही नही इसके पेड़ के हर भाग प्रयोग किसी न किसी काम में होता है| भारत के दक्षिणी क्षेत्रों में केले के पत्तों पर भोजन किया जाता है| विवाह के समय इसके पत्तों को लगाना शुभ माना जाता है|
सिर्फ आयुर्वेद में ही नही बाकी सभी चिकित्साओं में भी इसे उतना ही उपयोगी बताया गया है| आयुर्वेद के अनुसार इसका प्रयोग के रोगों के उपचार में भी किया जाता है| एक केले में इतने गुण पायें जाते है कि नियमित रूप से इसका सेवन करने वाले कभी बीमार नही पड़ते है|
अलग अलग विद्वानों के अनुसार इसकी अलग अलग जातियां पायी जाती है| आइये आपको परिचित कराते है केले से और उससे होने वाले फायदों के बारे में| जानते है कि किस प्रकार केले का सेवन करने से हमे लाभ मिल सकता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Kele ki akriti)
इसका पेड़ लम्बा और सीधा होता है| इसके पत्तें लम्बे होते है| इसके फूल लाल या बैंगनी रंग के पाए जाते है| फूलों के नीचे की ओर आने वाली कलियाँ आगे चल कर केला बन जाती है| जिसका सेवन भारत में ही नही पूरे विश्व में किया जाता है|
केलों का रंग पीला चमकदार होता है| इसके काले रंग के बीज केले के फल के अन्दर मिलते है| यह पूरे साल हमे उपलब्ध हो सकते है|
केले में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Kele ke poshak tatva)
- फाइबर
- पोटेशियम
- कैल्शियम
- विटामिन A, C, K
- कार्बोहाइड्रेट
- आयरन
- सोडियम
- कॉपर
- फास्फोरस
- स्टार्च
- सल्फर
- जिंक आदि|
केले के सामान्य नाम (Banana common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Musa paradisiaca |
अंग्रेजी (English) | Banana tree, Plantin, Banana, Adam’s fig |
हिंदी (Hindi) | केला, कदली, केरा |
संस्कृत (Sanskrit) | कदली, वारणा, मोचा, अम्बुसारा, अंशुमतीफला, रम्भा, काष्ठीला |
अन्य (Other) | कोल (असमिया) कदली (कन्नड़) कोला (बंगाली) वला (मलयालम) मौज़ (फारसी) |
कुल (Family) | Musaceae |
केले के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Kele ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवर्धक, वातशामक (Increase cough and dicrease vaat) |
रस (Taste) | मधुर (फल), कषाय (फूल) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | शीत (cold) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | दीपन, ग्राही, बलकारक, शूलनाशक |
केले के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Kele ke fayde or upyog)
बार बार या अधिक प्यास लगने पर (Banana for excessive thirst)
- बार बार प्यास लगने पर केले का सेवन करना चाहिए| इस फल में इतने पोषक तत्व होते है कि इस समस्या का समाधान कर पाने में सहायता करते है| यदि आप भी इसका सेवन करते है तो लाभ मिलेगा|
जलन या गर्मी में (Banana for body heat and irritation)
- कुछ लोगो में रक्त और शरीर की प्रकृति गर्म होती है जिसके कारण वह लगातार जलन और गर्मी की समस्याओं का सामना करते है| ऐसे में केले का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है|
आँखों की जलन में (Banana for eyes)
- आँखों के ऊपर इसके पत्रों को बांधने से जलन का शमन होता है और पीड़ित को आराम पहुँचता है|
कान दर्द में (Banana for ear)
- कदली, लहसुन, अदरक, सहिजन और मूली के रस को मिला कर इसे हल्का गर्म कर के कान में डालने से कान के दर्द का शमन हो जाता है|
दस्त में (Banana for diarrhea)
- किसी भी उम्र के व्यक्ति को यदि दस्त की समस्या बार बार होती है तो कदली का सेवन करना चाहिए| इसके पोषक तत्वों में से एक पोषक तत्व फाइबर होता है जो दस्त में लाभ करता है|
नकसीर की समस्या का करे समाधान केले का प्रयोग (Banana for blood bile)
- नकसीर के रोगी को केले का सेवन करना चाहिए| ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी प्रकृति ठंडी होती है तथा नकसीर की गर्म| जिसके चलते नकसीर का समापन हो पाना और भी आसान हो जाता है|
कुष्ठ रोग में (Banana for leprosy)
- कदली के पत्तों का रस निकाल कर उसमे हल्दी मिला कर शरीर पर मलने से इस रोग का समापन होता है|
घाव में (Banana for wound)
- कदली के पके हुए पत्तों को स्वच्छ कर के घाव पर लगाना चाहिए| ऐसा कुछ समय तक करने से घाव में लाभ होता है|
- आग में जले हुए स्थान पर कदली के फल के गूदे को मलना चाहिए| इससे जलन और दर्द में कमी आती है|
ह्रदय के लिए लाभदायक केला (Banana for heart)
- कदली का फूल ह्रदय के लिए बहुत लाभदायक होता है| इसके फूल तासीर में गर्म होते है| इनके सेवन से ह्रदय को बल मिलता है और रक्तचाप की समस्या में भी लाभ मिलता है| इसका सेवन करने से पहले वैद्य की सलाह जरुर लें|
कब्ज़ में (Banana for constipation)
- कई लोग ये जानते है कि केले का फल खाने से कब्ज़ हो सकती है| लेकिन बहुत कम लोग जानते है कि इसके फूलों का सेवन करने से कब्ज़ की समस्या दूर होती है| इसके फूल थोड़े गर्म प्रकृति के होते है जो पाचक अग्नि को तीव्र कर कब्ज़ का समापन करते है|
कीड़ों को मारे
- कई बार अनुचित भोजन के सेवन से पेट और आंतों में कीड़ें पनपने लगते है| ऐसे में कदली के पेड़ की जड़ का क्वाथ बना कर पीना चाहिए| इससे जल्द ही पेट के कीड़ों का शमन होता है|
- इसके अलावा इसके फूलों का सेवन भी वैद्य के अनुसार किया जा सकता है|
दर्द का शमन करें (Banana for pain relief)
- शरीर के किसी भी अंग या हिस्से में दर्द होने पर इसके पत्तों को बांधना चाहिए| इसे यदि गर्म कर के बांधा जाता है तो अधिक लाभ मिलता है|
रक्त विकारों में उपयोगी केले
- खून या रक्त में कई प्रकार के विषाक्त कण होने के कारण बार बार बुखार, सर्दी, जुखाम जैसी समस्या आने लगती है| यदि आपको भी ये समस्याएँ बार बार होती है, तो इसकी पत्ती का वैद्य के निर्देशानुसार सेवन से रक्त का शोधन हो कर इन बिमारियों का शमन किया जा सकता है|
दांतों को मजबूत बनाये (Banana for teeth)
- केले के पेस्ट को दांतों पर लगाने से दांत का असमय गिरना, छोटे छोटे कण टूटना आदि में लाभ मिलता है|
दमा या अस्थमा में (Banana for asthma)
- केले को भून कर खाने से दमा रोग में आराम मिलता है| इसके अलावा इसे गोमूत्र में पका कर खाना भी काफी फायदा पहुंचाता है|
- यदि केले को ऊपर से नीचे तक बीच में से काट कर उन पर पीसी हुई काली मिर्च लगाकर उसे अंगारों पर सेक कर खाया जाता है तो अस्थमा का शमन होता है|
संग्रहणी में केले का प्रयोग
- गेहूं के आटे और उबले हुए कच्चे केले को मिलाकर गूँथ लें| इसकी बाटी बनाकर दधि के साथ खाना चाहिए| दही में मलाई न रखें| ऐसा करने से संग्रहणी में लाभ मिलेगा|
पेचिश में
- कदली के फूल का रस निकाल कर उसे दही के साथ खाने से पेचिश या हैजा में लाभ मिलता है|
मूत्र रोगों में (Banana for urinary disease)
- लौकी से निर्मित रस और कदली की मूल के रस को एक साथ मिलाकर पीने से मूत्र कम आने की समस्या का समाधान होता है|
- पके हुए केले को खाने से सभी प्रकार की मूत्र सम्बन्धी समस्याएँ दूर होती है|
प्रदर की समस्या में केले का सेवन
- रक्तप्रदर की समस्या में केले में घृत को मिलाकर लेना चाहिए| इसके अलावा यदि आपको सफ़ेद पानी की समस्या है तो कदली के पक्व फल का सेवन करना चाहिए| इसके अलावा दही और कदली के फूलों के रस को मिलाकर सेवन करने से भी रक्तप्रदर की समस्या का समाधान होता है|
उपदंश में
- उपदंश के घावो पर उबले हुए कदली को कुचलकर लगाने से लाभ मिलता है|
दुर्बलता मिटायें केले का सेवन (Banana for weakness)
- यदि आप रोज सुबह एक से दो केले का सेवन दूध के साथ करते है तो आप जल्द ही दुर्बल से हष्ट पुष्ट हो जायेंगे| यह नुस्खा लगभग सभी लोग जानते है|
वजन घटाए केला (Banana for weight loss)
- यदि आप सिर्फ केले का सेवन करेंगे तो आपका वजन बढेगा| इसके विपरीत आप केला खा कर यदि गर्म पानी पी लें तो आपका वजन नही बढेगा| इसी कारण इसे वजन घटने के लिए भी प्रयोग किया जाता है| केले को खाने से काफी देर तक भूख नही लगती और साथ ही अनेक प्रकार के पोषक तत्व भी शरीर को मिल जाते है|
खून की कमी को पूरा करे (Banana for anemia)
- कदली में भरपूर मात्रा में आयरन होता है जो शरीर में खून के स्तर को बढ़ाने में अहम् भूमिका निभाता है| इसी कारण इसका सेवन एनीमिया या खून की कमी को पूरा करता है|
हड्डियों को मजबूती दें (Banana for bones)
- एक उम्र के बाद हड्डियों को पोषण मिलना बंद हो जाता है| इसके चलते अनेक तरह की हडियों से जुडी बीमारियाँ पनपने लगती है| ऐसे में केले का सेवन काफी अच्छा होता है| इसमें मौजूद कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाये रखता है|
मस्तिष्क के लिए फायदेमंद केले का सेवन (Banana for mind)
- इसके फल में पाए जाने वाले तत्व मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होते है| ये मस्तिष्क में ठंडक पहुंचाती है| जिससे तनाव कम होता है| इसके साथ ही यह अनिद्रा जैसी समस्याओं का भी समापन करता है| इसीलिए इसे मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना जाता है|
बालों के लिए केले का सेवन (Banana for hair)
- क्या आपके भी बाल बहुत अधिक झड़ते है या असमय सफ़ेद हो गए है तो ऐसे में आप इसके फल के गूदे में नीम्बू का रस मिलाकर बालों में लगा सकते है| इसे धोने के बाद आपके बाल मुलायम होंगे| इसके साथ ही धीरे झड़ना, बालों की सफेदी भी समाप्त हो जाएगी|
एसिडिटी या अम्लपित्त में (Banana for acidity)
- एसिडिटी होने पर सीने में जलन, खट्टी डकारें आने लगती है तो ऐसे में केले का सेवन आपके लिए लाभदायक हो सकता है| यह एसिडिटी को शांत करता है और इसके लक्षणों से छुटकारा दिलाता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Banana)
- जड़
- पत्ती
- फूल
- पंचांग
सेवन मात्रा (Dosage of Banana)
- रस -15 से 20 ml
- चूर्ण -15 से 20 ग्राम तक