चन्दनासव: शरीर में ठंडक के साथ 14 रोगों में लाभ देने वाली गज़ब की औषधि
चन्दनासव का परिचय (Introduction of Chandansava: Benefits, Dosage, Contents)
क्या होता हैं चन्दनासव??? (What is Chandansava?)
चन्दनासव एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो आसव विधि द्वारा बनायीं जाती हैं| यह औषधि सिरप के रूप में उपलब्ध रहती हैं| इस औषधि का मुख्य घटक चन्दन होता हैं| इसी कारण इसे चन्दनासव कहा जाता हैं| यह औषधि पुरुषो में मूत्र के साथ वीर्य स्त्राव, पेशाब करते वक़्त जलन एवम संक्रमण जैसी समस्याओ को खत्म करने में सहायक होती हैं| इसके अतिरिक्त महिलाओ में होने वाली श्वेत प्रदर की समस्या जिसे लिकोरिया भी कहा जाता हैं, को यह औषधि समाप्त करती हैं| इस औषधि के गुण शीतल होते हैं|
शीतल गुण होने के कारण यह औषधि शरीर में जलन या गर्मी जैसी परेशानी से भी छुटकारा दिलाती हैं| पथरी को होने से रोकने में भी यह औषधि गुणकारी होती हैं| यह ह्रदय की कमजोरी, पाचन क्रिया से सम्बन्धी विकारो को दूर करती हैं जिससे हर व्यक्ति एक सामान्य जीवन जी सकता हैं| यह चोट के कारण हो रहीं सूजन को कम करने के साथ साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ने में भी सहायक हैं| शीतल औषधि होने के कारण यह रक्त पित्त की समस्या को भी खत्म करती हैं|
चन्दनासव औषधि के घटक द्रव्य (Contents of Chandansava)
- चन्दन
- उशीर
- मुस्ता
- गंभारी मूल
- कमल
- पद्य काष्ठ
- लोद्र
- कचनार की छाल
- रक्त चन्दन
- पाठा
- किरातातिक्त
- द्राक्षा
- पीपली
- कर्चुर
- पर्पट
- यष्टिमधु
- रास्ना
- पटोल
- मंजिष्ठा
- आम्र त्वक
- मोचरस
- प्रियंगु
- वत की छाल
- गुड
- शर्करा
- धातकी के फूल
चन्दनासव औषधि की निर्माण विधि – (How to make Chandansava)
यह औषधि आसव विधि द्वारा बनायीं जाती हैं| इस आसव का क्वाथ नहीं बनाया जाता| इसे बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी या लकड़ी का बड़ा पात्र लीजिये| अब उस पात्र में औषधियों की मात्रा के अनुसार पानी लीजिये| पात्र में रखे जल में द्राक्षा, गुड,शर्करा को अच्छे से घोल दीजिये जब तक ये अच्छे घुल न जाये तब तक इसे हिलाते रहिये|
धातकी के पुष्प को छोड़कर साड़ी जड़ी बूटियों को थोडा मोटा कूट लीजिये| अब कूटी हुई सारी औषधियों को जल में डालकर अच्छे से हिलाइए| इन सब के अच्छे से घुल जाने के बाद इसमें धातकी के पुष्प को दल दीजिये| अब इसे अच्छे से बंद करके किसी सुरक्षित स्थान पर रख दीजिये| इसे तैयार होने में लगभग 30 से 45 दिन लगते हैं| 30 से 45 दिन के भीतर चन्दनासव औषधि तैयार हो जाती हैं| इसके तैयार हो जाने पर इसे कई रोगों में समाधान के लिए उपयोग किया जा सकता हैं|
चन्दनासव औषधि के उपयोग और गुण (Benefits of Chandansava)
1) पुरुषो में मूत्र सम्बन्धी समस्या का समाधान
इस औषधि का प्रयोग पुरुषो में मूत्र सम्बन्धी रोगों के लिए किया जाता हैं| यह औषधि पुरुषो के मूत्र संबधी रोग और भी कई प्रकार के रोग मिटाने में सहायक सिद्ध हुई हैं| पुरुषो में मूत्र के साथ जब कभी वीर्य स्त्राव होता हैं तो यह औषधि इस को विकार दूर करने में मदद करती हैं |
इसके अतिरिक्त मूत्र त्याग करते समय जलन और संक्रमण को मिटने में भी यह औषधि गुणकारी हैं| गुर्दा, मूत्राशय, मूत्रमार्ग में संक्रमण होने पर इसे पीने से आराम मिलता हैं| इसकी प्रवृति शीतल होने के कारण यां संक्रमण और जलन पर बहुत जल्दी अपना असर दिखाती हैं और व्यक्ति को आराम दिलाती हैं|
2) चन्दनासव महिलाओ में लिकोरिया रोग में फायदेमंद
चन्दनासव औषधि महिलाओ में होने वाले सामान्य रोग लिकोरिया में भी फायदेमंद होती हैं| इस रोग को श्वेत प्रदर भी कहा जाता हैं| यह स्त्रियों में होने वाली एक आम बीमारी हैं जिसमे श्वेत प्रदर का स्त्राव होता हैं| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए यह औषधि सर्वोत्तम औषधि हैं|
लम्बे समय तक लिकोरिया की बीमारी गर्भाशय के केंसर का कारण बन सकती हैं| यह औषधि शरीर के भीतर जा कर स्त्रियों को फायदा पहुचाने के साथ साथ श्वेत प्रदर की समस्या को खत्म करने में सहायता करती हैं | इस कारण श्वेत प्रदर को खत्म करने के लिए इस औषधि का प्रयोग किया जाता हैं|
3) चन्दनासव शरीर में गर्मी और जलन से दे राहत
गर्मी के मौसम में या अन्य किसी मौसम में कभी कभी या हर समय व्यक्ति को गर्मी का अहसास होता हैं जिससे व्यक्ति बेचैन और परेशान रहता हैं| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए चन्दनासव औषधि उत्तम औषधि होती हैं| यह अपने शीतल गुणों से व्यक्ति के शरीर में जा कर व्यक्ति को राहत देती हैं|
इसके अतिरिक्त यदि किसी को शरीर के कुछ भागो जैसे हाथ पैरो में या शरीर के और भी किसी अंग में जलन होती हैं तो चन्दनासव औषधि के सेवन से समस्या दूर होती हैं और व्यक्ति आराम महसूस करता हैं| यह औषधि शरीर में जा कर रक्त को साफ़ करती हैं जिससे हमे जलन और गर्मी का अहसास नही होता और व्यक्ति को इन समस्याओ से बिना किसी नुकसान छुटकारा मिल जाता हैं|
4) पथरी का निर्माण करने वाले तत्वों को खत्म करने में सहायक
पथरी होने का वैसे तो कोई निश्चित कारण नही होता परन्तु जब किडनी के फ़िल्टर करने वाले हिस्से में खराबी आ जाती हैं तो यूरिन के साथ कुछ रसायन अधिक हो जाते हैं जो धीरे धीरे जम कर पथरी का निर्माण कर देते हैं| चन्दनासव औषधि का सेवन करने से यह शरीर के भीतर जा कर उन तत्वों को नही जमने देने में सहायता करती
और जमे हुए तत्वों को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने में सहायता करती हैं| इसलिए पथरी से पीड़ित व्यक्ति को चन्दनासव का सेवन करना चाहिए जिससे पथरी हमारे शरीर में पूरी तरह समाप्त हो जाती हैं और भविष्य में भी पथरी होने का खतरा नही रहता हैं|
5) चन्दनासव ह्रदय की कमजोरी मिटाने की कारगर औषधि
यह औषधि कमजोर ह्रदय को एक मजबूत ह्रदय की तरफ लाने में सहायक होती हैं| एक कमजोर ह्रदय पूरे शरीर में रक्त पहुचाने में असमर्थ होता हैं जिससे शरीर कमजोर हो सकता हैं| शरीर का वो अंग जिस तक ह्रदय पूरी तरह से खून नही पंहुचा पा रहा हैं वो सुन्न पड़ सकता हैं|
इसलिए कमजोर ह्रदय को एक मजबूत ह्रदय में बदलने के लिए चन्दनासव एक कारगर औषधि हैं| यह शरीर के अन्दर जा कर अनियमित रूप से धडकने वाली धडकनों को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और ह्रदय को मजबूत बनाती हैं जिससे हार्ट अटैक जैसी समस्याओ से व्यक्ति दूर रहता हैं|
6) प्रति रक्षक प्रणाली की वृद्धि में सहायक
यह औषधि एक आयुर्वेदिक औषधि हैं जो कई बीमारियों से लड़ने के साथ साथ मनुष्यों के शरीर की प्रति रक्षा प्रणाली को बढाने में भी सहायक होती हैं| आज कल के दूषित खान पान के कारण व्यक्ति की रोग से लड़ने की क्षमता बहुत अधिक कम होती जा रही हैं ऐसे में चन्दनासव औषधि का सेवन करने से से यह शरीर को बिना कोई दुष्प्रभाव दिए प्रति रक्षा प्रणाली को बढाती हैं और रोगों से लोगो की रक्षा करती है|
7) रक्त पित्त की समस्या में फायदेमंद
यह औषधि रक्त पित्त की समस्या में भी बहुत फायदेमंद होती हैं| इस औषधि में कई ऐसे तत्व मिलाये जाते हैं जो की शीतल होने के कारण रक्त पित्त की समस्या को खत्म कर देते हैं| रक्त पित्त को नकसीर भी कहते हैं|
यह समस्या गर्मियों के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती हैं जिसके कारण नाक से खून निकलने लगते हैं| यह रोग पित्त बढ़ने की समस्या का कारण हो सकता हैं| नकसीर जैसी समस्याओ को दूर करने के लिए चन्दनासव एक सर्वोत्तम औषधि हैं| इस औषधि का उपयोग करने वाला व्यक्ति रक्त पित्त की समस्या से सदेव के लिए छुटकारा पा सकता हैं|
8) गोनोरिया रोग से बचाव करती हैं
यह औषधि गोनोरिया रोग से बचाव करती हैं और इस रोग से संक्रमित व्यक्ति को हो रही परेशानी से आराम पहुचाती हैं| यह एक यौन संचरित रोग हैं| यह रोग व्यस्क लोगो में सबसे अधिक पाया जाता हैं| इस रोग के अंतर्गत गोनोरिया नामक जीवाणु मनुष्यों के जननांग पथ, मुँह या गुदा को संक्रमित कर सकता हैं| परन्तु चन्दनासव औषधि इस रोग को दूर करने में सहायता करती हैं | यह औषधि संक्रमण को खत्म कर देती हैं जिससे रोग दूर होने में आसानी होती हैं और व्यक्ति सामान्य महसूस करता हैं|
9) चन्दनासव पाचन क्रिया में मजबूती लायें
यह औषधि पाचन क्रिया को मजबूत करने में बहुत अलग अलग प्रकार से फायदेमंद साबित हुई हैं| यह औषधि मंद पाचक अग्नि को तीव्र करता हैं जिससे खाना पचाने में आसानी रहती हैं| जब खाने का पाचन सही प्रकार से होगा तो अपच जैसी समस्या नहीं रहती|
अपच को सामान्य भाषा में पेट में हो रही गड़बड़ भी बोल सकते हैं जिसके कारण पेट दर्द, भूख न लगने जैसी समस्या हो सकती हैं| इसके अतिरिक्त ज्यादा तीखा और मसालेदार खाने से एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती हैं जो पाचन क्रिया को ख़राब कर सकती हैं| ऐसी स्तिथि में चन्दनासव औषधि का सेवन कर के इन सभी परेशानियों जैसे अपाचन,एसिडिटी से छुटकारा मिल जाता हैं और व्यक्ति को फुर्तीला बनाता हैं |
चन्दनासव अन्य रोगों में अत्यंत लाभदायक
- यह किसी चोट के कारण हुई सूजन पर भी असरदार होती हैं| इस औषधि के सेवन से लगी हुई चोट और सूजन दोनों में आराम देती हैं| इसके शीतल गुणों के कारण रोगी को बहुत जल्द आराम पहुचता हैं|
- यह औषधि नर प्रजनन प्रणाली के विकार को मिटने में भी सहायक होती हैं| इसका सेवन करने से नपुसंगता दूर होती हैं|
- चन्दनासव औषधि शीत पित्त जैसी समस्या का भी समाधान करती हैं| शीत पित्त एक त्वचा सम्बंधित रोग होता हैं जिसमे शरीर पर चकते हो जाते हैं और कभी कभी लाल रंग के दानो के साथ खुजली भी होती हैं| इस पिने से रक्त साफ़ होता हैं और यह रोग जड़ से खत्म हो जाता हैं|
- यह पुरुषो में उपस्थित शुक्रमेह नामक रोग से भी छुटकारा दिलाने में सहायक होती हैं|
- यह औषधि शरीर में उपस्थित बेक्टेरिया और वायरस को भी खत्म करती हैं जिससे शरीर कमजोर नही होता हैं और तंदरुस्त बना रहता हैं|
चन्दनासव औषधि का सेवन और मात्रा (Doses of Chandansava)
आयु | मात्रा |
10 वर्ष से अधिक आयु वाले बच्चो को | 10 से 15 मिलीलीटर |
व्यस्क व्यक्तियों के लिए | 20 से 30 मिलीलीटर |
सेवन का उचित समय | खाना खाने के बाद |
दिन में कितनी बार सेवन करे | दो बार, सुबह और शाम |
किसके साथ सेवन करे | गुनगुने पानी के साथ |
सेवन की अवधि | चिकित्सक की सलाह्नुसार |
चन्दनासव औषधि का सेवन करते वक़्त रखी जाने वाली सावधानियाँ (Precautions of Chandansava)
- मधु मेह रोग वाले व्यक्ति इस औषधि के सेवन से बचे |
- गर्भावस्था और स्तनपान कराने की स्तिथि में इस औषधि के सेवन से बचे |
- इस औषधि का सेवन करते समय औषधि के बराबर मात्रा या उससे अधिक मात्रा के साथ ही सेवन करे|
चन्दनासव औषधि की उपलब्धता (Availability of Chandansava)
- बैधनाथ चन्दनासव (Baidyanath chandanasav)
- डाबर चन्दनासव (Dabur chandanasav)
- मुल्तानी चन्दनासव (Multani chandanasav)
- सांडू चन्दनासव (Sandu chandanasav)
- बेसिक आयुर्वेदा चन्दनासव (Basic ayurveda chandanasav)
- दिव्य चन्दनासव (divya pharmacy chandanasav)
- धूतपापेशवर चन्दनासव (dhootpapeshwar chandanasav)
- कपिवा चन्दनासव (Kapiva chandanasav)
- झंडू चन्दनासव (zandu chandanasav)
- कोट्टकल चन्दनासव (kottakkal chandanasav)
- स्वदेशी चन्दनासव (swadeshi chandanasav)
- अग्निवेश चन्दनासव (Agnivesh chandanasav)
- केरला आयुर्वेदा चन्दनासव (kerala ayurveda chandanasav)
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