कुमार्यासव: जाने क्या हैं ग्वारपाठा से बनी इस औषधि के 19 चमत्कारी फायदे
कुमार्यासव का परिचय | (Introduction of Kumaryasava)
कुमार्यासव क्या होता हैं?? (What is Kumaryasava??)
कुमार्यासव(Kumaryasava) एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं| इस औषधि का मुख्य घटक घृतकुमारी (ग्वारपाठा) होता हैं| इसे हम एलोवेरा भी कहते हैं| इस औषधि में कई और जड़ी बूटियां मिली होती हैं जिस कारण यह बहुत सारे रोगों में काम आती हैं| बवासीर, खांसी, सर्दी, सांस की समस्या, मूत्र पथ के विकार, बुखार, यकृत से जुड़े रोग, पेट के कीड़े और रक्त पित्त जैसी कई समस्याओं में इसका उपयोग फायदेमंद होता हैं|
इस औषधि का सेवन महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता या मासिक धर्म का नही आना, पुरुषों में नपुसंगता, शुक्राणुओं का संतुलन करने में भी यह औषधि बहुत ही कारगर औषधि होती हैं| इस औषधि का निर्माण पूरे प्राकृतिक तरीके से किया जाता हैं| कुमार्यासव औषधि के औषधीय गुण बहुत सारी बिमारियों में रामबाण औषधि के रूप में कार्य करते हैं|
कुमार्यासव औषधि के घटक द्रव्य | (Contents of Kumaryasava)
- घृतकुमारी स्वरस
- गुड़
- मधु ( शहद )
- लौह भस्म
- शुण्ठी
- पिप्पली
- कालीमिर्च
- लौंग
- दालचीनी
- इलायची
- तेजपात
- नागकेसर
- चित्रकमूल
- पिप्पली मूल
- विडंग
- गजपिप्पली
- चव्य
- हपुषा
- धनियाँ
- सुपारी
- कुटकी
- नागरमोथा
- आमलकी
- हरीतकी
- विभितकी
- रसना
- देवदारु
- हरिद्रा
- दारुहल्दी
- मुरवा
- गुडूची
- मुलेठी
- दंतीमूल
- पुष्कर्मूल
- बलामूल
- अतिबला
- कौंच बीज
- गोक्षुर
- शतपुष्पा
- हिंगुपत्री
- अकरकरा
- उटीगण बीज
- श्वेत पुनर्नवा
- लाल पुनर्नवा
- लोध्र त्वक
- स्वर्णमाक्षिक भस्म
- धातकी पुष्प
कुमार्यासव औषधि बनाने की विधि | (How to make Kumaryasava)
इस औषधि को बनाने के लिए सबसे पहले हमे घृतकुमारी स्वरस की आवश्यकता होगी| इस स्वरस को बनाने के लिए ग्वारपाठा के छोटे छोटे टुकड़े करके समान मात्रा में जल मिला कर इसे कुछ देर के लिए गर्म होने के लिए छोड़ दें| कुछ देर बाद इसे नीचे उतार कर ठंडा कर लें और इसे मसल कर छान ले| यह छाना गया मिश्रण घृतकुमारी स्वरस हैं|
अब इस स्वरस में गुड़ और शहद मिला कर संधान पात्र में डाल दें| इन सब को अच्छे से मिला लेने के बाद लौह भस्म और स्वर्णमाक्षिक भस्म को मिलाया जाता हैं| अब बाकी बची सारी औषधियों का यवकूट बना लें| अब इन्हें मिश्रण में डाल कर एक महीने के लिए किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें| लगभग एक महीने के बाद तैयार मिश्रण कुमार्यासव औषधि हैं| अब इस औषधि का सेवन किया जा सकता हैं|
कुमार्यासव औषधि के फायदे और उपयोग | (Benefits of Kumaryasava)
पेट की सारी समस्याओं के लिए कुमार्यासव | (Kumaryasava In stomach disease)
यह औषधि पेट के रोगों को खत्म करने के लिए एक बहुत ही सरल और साधारण उपाय हैं| बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक सभी इस औषधि का सेवन कर सकते हैं| कब्ज़, गैस, अपच, तेज पेट दर्द, भूख ना लगना जैसी सारी समस्याओं को जड़ से खत्म कर देता हैं| छोटे बच्चे जो 5 से 6 माह के हो और अन्न का सेवन करते हो, यदि उनका पेट बराबर ख़राब रहता हो, अपचन, दस्त आदि हो तोह इसका सेवन उनको भी कराया जा सकता हैं|
अनियमित खान पान के कारण हो रही सारी समस्याओं की भी यह एक कारगर औषधि हैं| मल मूत्र के वेग को रोकने के कारण होने वाले पेट दर्द में भी यह औषधि काम में ली जाती हैं| कुमार्यासव औषधि के माध्यम से पेट के सारे कीड़ो का नाश होता हैं और मनुष्य को राहत मिलती हैं|
कुमार्यासव करें मूत्र पथ के विकार खत्म | (For Urinary disease)
मूत्र पथ के विकार जैसे मूत्र का रुक रुक कर आना, मूत्र त्याग कने में परेशानी आना या जलन होना, मूत्र का बार बार आना, मूत्र पथ में संक्रमण जैसी कई बिमारियों को यह औषधि खत्म करने में सहायता देती हैं| इन सारी स्थितियों में कुमार्यासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए|
मासिक धर्म में रूकावट को दूर करें | (Kumaryasava For Menstrual blockage)
कई सारी महिलाओं को मासिक धर्म में रूकावट आती हैं जैसे मासिक धर्म का अनियमित रूप से आना या मासिक धर्म का ना आना| इनके अतिरिक्त मासिक धर्म के समय होने वाले शारीरिक दर्द से भी यह औषधि छुटकारा दिलाती हैं| कुमार्यासव सारी परेशानियां महिलाओं के गलत खान पान या हार्मोन्स के असंतुलन के कारण हो सकता हैं| यह औषधि मासिक धर्म से जुडी हुई हर एक परेशानी का इलाज़ करती हैं| आयुर्वेदिक औषधि होने के कारण यह किसी प्रकार का दुष्प्रभाव नही छोड़ती हैं|
नपुसंकता को दूर करें | (For Remove impotence)
कुमार्यासव औषधि का प्रयोग नपुसंगता से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता हैं| इस औषधि में कई ऐसे तत्व हैं जो मनुष्य को नपुसंगता से छुटकारा दिलाने में सहायता करते हैं| इसके अतिरिक्त इसका प्रयोग शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता बढाने क लिए भी किया जाता हैं|
त्वचा की देखभाल करें | (For Care of Skin)
कुमार्यासव औषधि का मुख्य घटक एलोवेरा होता हैं| यह तत्व हमारी त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता हैं| इस औषधि में ही एलोवेरा होने के कारण यह मृत त्वचा को हटाकर त्वचा को चमकदार बनाती हैं| इसका प्रयोग महिलाएं और पुरुष दोनों ही समान रूप से कर सकते हैं|
खांसी, सर्दी, जुखाम में | (For cold and cough)
खांसी, सर्दी, जुखाम ऐसी समस्याएँ हैं जो बहुत ही आम होती हैं| लेकिन जब ये समस्याएँ लगातार रहने लगती हैं तो व्यक्ति को खतरा हो सकता हैं| अधिक दिनों तक खांसी टी.बी. का कारण बन सकती हैं, अधिक दिनों तक सर्दी और जुखाम निमोनियां का कारण बन सकते हैं| इससे पहले की इनमे से किसी भी प्रकार की समस्या व्यक्ति हो तो उसे तुरंत ही इस गुणकारी औषधि कुमार्यासव का सेवन शुरू कर देना चाहिए|
पुरानी बुखार को खत्म करने में सहायक | (For chronic fever)
जब बुखार जैसी समस्या शरीर में जड़ जमा लेतीं हैं तो उस समस्या को खत्म करना ही पड़ता हैं| इस औषधि का सेवन करने से पुरानी से पुरानी बुखार भी जल्द ही खत्म हो जाती हैं| बुखार को खत्म करने के साथ साथ यह औषधि कमजोरी की भरपाई करने में भी उपयोग में ली जाती हैं| कुमार्यासव औषधि शरीर से विषाक्त पदार्थो को बाहर निकल देती हैं जिससे बुखार में राहत मिलती हैं |
रक्त पित्त का समाधान | (For Blood bile)
यह औषधि रक्त पित्त की समस्या में भी बहुत फायदेमंद होती हैं| इस औषधि में कई ऐसे तत्व मिलाये जाते हैं जो रक्त पित्त की समस्या को खत्म कर देते हैं| रक्त पित्त को नकसीर भी कहते हैं| यह समस्या गर्मियों के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती हैं जिसके कारण नाक से खून निकलने लगते हैं| यह रोग पित्त बढ़ने की समस्या का कारण हो सकता हैं| नकसीर जैसी समस्याओ को दूर करने के लिए कुमार्यासव एक सर्वोत्तम औषधि हैं| इस औषधि का उपयोग करने वाला व्यक्ति रक्त पित्त की समस्या से छुटकारा पा सकता हैं|
गुल्म रोग से छुटकारा दिलाएं | (For Gum disease)
मनुष्य के शरीर में नाभि के ऊपर के गोल स्थान होता हैं| जहा वायु जमा हो हो कर पेट में गांठ की तरह उभार बना देती हैं| यह समस्या वात, पित्त और कफ त्रिदोष के कारण उत्पन्न होता हैं| इस समस्या से निकलने के लिए कुमार्यासव सर्वोत्तम औषधि मानी जाती हैं| यह औषधि वात, पित्त और कफ तीनो को संतुलित कर देती हैं| गुल्म रोग शरीर के अकी और हिस्सों में भी हो सकता हैं|
प्लीहा वृद्धि को कम करें | (For Reduce Spleen growth)
शरीर में हुई प्लीहा वृद्धि अनेक बिमारियों को जन्म देती हैं| इसलिए प्लीहा वृद्धि को रोकना बहुत ही आवश्यक होता हैं| यदि आप भी प्लीहा वृद्धि के शिकार हैं तो आपको इस औषधि का सेवन करना चाहिए| कुमार्यासव औषधि शरीर के भीतर जा कर प्लीहा की वृद्धि को नियंत्रित करती हैं|
पांडू रोग को खत्म करें | (Kumaryasava For Anaemia)
हमारे गलत खान पान के कारण खून में कमी होना एक आम बात हैं परन्तु जब शरीर में खून की कमी जड़ जमा ले तो मनुष्य दिन दिन कमजोर होता जाता हैं| इस कारण मनुष्य के शरीर में आई खून की कमी को दूर करने के लिए मुख्य रूप से कुमार्यासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए| यह औषधि शरीर में उपस्थित हिमोग्लोबिन जिन्हें लाल रक्त कणिकाएं भी कहा जाता हैं, का स्तर बढाती हैं और मनुष्य फिर से पहले जैसे हष्ट पुष्ट होने लगता हैं|
उदावर्त रोग को खत्म करें | (for Vertical disease)
जब व्यक्ति अधिक समय तक मल तथा मूत्र के वेग को रोके रखता हैं तो इससे उत्पन्न समस्याओं को उदावर्त रोग में गिना जाता हैं| इस समस्या से जुडी हुई हर एक परेशानी का इलाज़ कुमार्यासव औषधि का सेवन इन्हें खत्म करने में सहायता करता हैं |
गर्भाशय के दोषों का नाश | (For Destruction of uterine defects)
गर्भाशय से जुडी हुई किसी भी प्रकार की परेशानी का हल कुमार्यासव औषधि के सेवन से हो सकता हैं| यह औषधि गर्भाशय के सभी विकारो को खत्म कर के बांझपन की समस्या से भी छुटकारा दिलाती हैं| गर्भाशय में उपस्थित सभी प्रकार के विषाक्त पदार्थो को इस औषधि के माध्यम से खत्म किया जा सकता हैं| गर्भ का ना ठहरना या बार बार गर्भपात होना जैसी समस्याओं को भी इस औषधि के माध्यम से खत्म किया जा सकता हैं|
अश्मरी (पथरी) रोग में लाभदायक | (For calculus)
किडनी में खराबी होने के कारण पथरी का निर्माण होता हैं| पथरी होने के कारण तेज पेट दर्द, मूत्र त्याग करने में परेशानी आती हैं| पथरी को खत्म करने के लिए कुमार्यासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए| इस औषधि की सहायता से पथरी को खत्म करके रोगी को आराम पहुँचायाजा सकता हैं और तेज पेट दर्द और मूत्र त्याग में आ रही परेशानी को भी समाप्त किया जा सकता हैं|
बवासीर से राहत दिलाएं | (In Piles)
यह समस्या मोटापे, कब्ज़ और गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्या हैं| इस समस्या का मुख्य कारक कब्ज हैं| इस स्थिति में मलाशय में सूजन और खुजली होती हैं| इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कुमार्यासव औषधि का उपयोग बहुत उपयुक्त रहता हैं| यह औषधि बहुत जल्द इस समस्या का समाधान करने में मदद देती हैं| खूनी बवासीर में इस औषधि का प्रयोग नही करना चाहिए|
संग्रहणी रोग में लाभदायक | (for Muscular disease)
इस रोग में रोगी को बिना किसी दर्द के पानी के समान मल त्याग करना पड़ता हैं| इस रोग के गंभीर हो जाने पर शाम के भोजन के तुरंत बाद भी व्यक्ति को मल त्याग करने जाना पड़ता हैं| इस स्थिति में रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाती हैं| इस रोग में सहायता पाने के लिए कुमार्यासव औषधि का प्रयोग करना चाहिएं|
एसिडिटी को खत्म करें | (In Acidity)
एसिडिटी एक बहुत ही आम समस्या हैं जो भारी भोजन, अधिक तीखा और मसालेदार और गर्म भोजन के सेवन के कारण व्यक्ति को एसिडिटी हो जाती हैं जिसे अम्लपित्त भी कहा जाता हैं| इस परेशान को समाप्त करने के लिए कुमार्यासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए|
सांस की समस्या से निजात दिलाएं | (For Relieve respiratory problems)
यह औषधि सांस से जुडी हुई परेशानियों को खत्म करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| सांस नली में संक्रमण, दमा की समस्या जैसी कई समस्याओ का कुमार्यासव औषधि एक रामबाण इलाज़ हैं| सांस की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि शरीर में कफ की अधिकता, फेफड़ों में संक्रमण आदि| यह औषधि शरीर के भीतर जा कर कफ का नियंत्रण करती हैं और फेफड़ों को भी लाभ पहुचाती हैं|
पाचन तंत्र को मजबूती दें | (For Strengthen the digestive system)
शरीर में पाचन तंत्र एक मत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं इस कारण उसका मजबूत रहना बहुत आवश्यक हैं| पाचन तन्त्र के कमजोर होने पर अपच, गैस, बैचैनी, कमजोरी, मानसिक तनाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं| कमजोर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए कुमार्यासव औषधि एक उत्तम औषधि के रूप में जानी जाती हैं| इस औषधि का सेवन करने से मंद पड़ी पाचक अग्नि तीव्र होती हैं जिससे भूख ज्यादा लगती हैं और जल्दी लगती हैं| इसका सेवन करने से व्यक्ति हष्ट पुष्ट बना रहता हैं|
कुमार्यासव औषधि के सेवन का प्रकार और मात्रा | (Doses of Kumaryasava)
आयु | मात्रा |
बच्चो के लिए | 5 से 10 मिलीलीटर |
व्यस्क व्यक्तियों के लिए | 10 से 25 मिलीलीटर |
दिन में कितनी बार ले | दिन में दो बार सुबह शाम |
सेवन का उचित समय | खाना खाने के बाद |
किसके साथ ले | गुनगुने जल के साथ |
सेवन की अवधि | चिकित्सक की सलाहनुसार |
कुमार्यासव औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ | (precautions of Kumaryasava)
- इस औषधि को नमी से दूर रखना चाहिए| नमी के सम्पर्क में आने पर यह ख़राब हो सकती हैं|
- इस औषधि को अधिक मात्रा में और खली पेट नही लेना चाहिए| खाली पेट लेने पर पेट में जलन जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं|
- ज्यादा लम्बे समय तक इस औषधि का सेवन करने पर पेशाब में जलन हो सकती हैं इसलिए औषधि का सेवन चिकित्सक की देख रेख में ही करें|
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस औषधि का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें|
कुमार्यासव औषधि की उपलब्धता | (availability of Kumaryasava)
- डाबर कुमार्यासव (DABUR KUMARYASAVA)
- दिव्य फार्मेसी कुमार्यासव (DIVYA PHARMACY KUMARYASAVA)
- मुलतानी कुमार्यासव (MULTANI KUMARYASAVA)
- वंडर हर्बल्स कुमार्यासव (WONDER HERBALS KUMARYASAVA)
- डी.ए.वी. फार्मेसी कुमार्यासव (DAV PHARMACY KUMARYASAVA)
- कोट्टकल कुमार्यासव (KOTTAKKAL KUMARYASAVA)
- दीप आयुर्वेदा कुमार्यासव (DEEP AYURVEDA KUMARYASAVA)
- बैधनाथ कुमार्यासव (BAIDYANATH KUMARYASAVA)
- धूतपापेशवर कुमार्यासव (DHOOTPAPESHWAR KUMARYASAVA)
- अग्निवेश कुमार्यासव (AGNIVESH KUMARYASAVA)
- ऊंझा कुमार्यासव (UNJHA KUMARYASAVA)
Note- यदि आपका कोई प्रश्न है तो बेझिझक पूछें। आपको प्रत्येक उचित प्रश्न का जवाब मिलेगा| (If you have any question feel free to ask. I will respond to each valuable comment)
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