मधुरान्तक वटी: फायदे (Madhurantak vati: benefits)
मधुरान्तक वटी का परिचय (Introduction of Madhurantak vati)
मधुरान्तक वटी क्या है? Madhurantak vati kya hai?
यह एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं जो मुख्य रूप से ज्वर नाशक होती हैं| यह दो तरह की होती हैं- मोती युक्त और दूसरी साधारण| आज इस लेख में हम साधारण मधुरान्तक वटी के बारे में जानेंगे|
जब किसी व्यक्ति का शरीर बहुत अधिक दुर्बल हो कर टूट चुका हो, और यदि तेज बुखार हो तो तब मोती युक्त मधूरान्तक वटी का उपयोग बेहतर रहता हैं|
साधारण मधूरान्तक वटी का प्रयोग सभी उम्र के लोगो द्वारा किया जा सकता हैं| यह औषधि मुख्य रूप से टायफाइड के ज्वर, गर्भावस्था में होने वाले टायफाइड, सामान्य बुखार या अन्य किसी भी प्रकार के ज्वर में कार्य करती हैं|
मधुरान्तक वटी के घटक द्रव्य (Madhurantak vati ke gatak dravya)
- तुलसी के पत्र
- गिलोय
- लवंग
- वंशलोचन
- धनियाँ
- कासनी के बीज
- इलायची
मधुरान्तक वटी के फायदे (Madhurantak vati ke fayde)
सुबह आने वाले बुखार में
यदि किसी व्यक्ति को केवल सुबह के समय बुखार रहता हैं तो इस वटी का उपयोग किया जा सकता हैं| व्यक्ति के शरीर में कफ की मात्रा में कमी होने के कारण सुबह सुबह बुखार आती रहती हैं| इस अवस्था में इस वटी का प्रभाव बहुत अच्छा पड़ता हैं|
रात्री में आने वाले बुखार में
जब व्यक्ति के शरीर में पित्त की मात्रा घाट जाती हैं तो ऐसे में केवल रात को बुखार आती रहती हैं| इस ज्वर में मधूरान्तक वटी के साथ यदि लक्ष्मीनारायण रस का सेवन कराया जाये तो काफी अच्छा लाभ मिलता हैं|
टायफाइड में
बच्चो से लेकर बुजुर्गो तक सभी इस औषधि का उपयोग कर सकते हैं यहाँ तक की गर्भवती महिला को भी यदि टायफाइड हो गया हो तो इसका उपयोग बिना किसी डर के किया जा सकता हैं| सरल शब्दों में किसी भी व्यक्ति को यदि टायफाइड हो या कोई अन्य ज्वर हो तो वह इसका उपयोग कर सकता हैं|
विष को खत्म करें
शरीर में किसी भी प्रकार के ज्वर का कारण शरीर में पनप रहा विष होता हैं| यह विष ज्वर के साथ साथ और भी कई रोग उत्पन्न कर देता हैं| ऐसे में शरीर से विष को बाहर निकालने के लिए इस औषधि का उपयोग बहुत उत्तम होता हैं|
मधुरान्तक वटी की सेवन विधि (Madhurantak vati ki sevan vidhi)
- 3 से 4 गोली का सेवन दिन में दो से तीन बार करना चाहिए|
मधुरान्तक वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Madhurantak vati ke sevan ki savdhaniya)
- यदि आप इसे किसी पुराने बुखार में उपयोग में ले रहे हैं तो लगभग एक महीने तक अनाज का सेवन ना करे|
- यदि आप इसे किसी नए बुखार में उपयोग कर रहे हैं तो कम से कम 3 से 4 दिन तक अनाज का सेवन नही करना चाहिए|
- अनाज के अतिरिक्त आप किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं|
- दूध पीते बच्चे को इस औषधि का सेवन कम मात्रा में करायें|
मधुरान्तक वटी की उपलब्धता Madhurantak vati ki uplabdhta
- ऊंझा मधुरान्तक वटी (unjha Madhurantak vati)
- कालेडा मधुरान्तक वटी (kalera Madhurantak vati)
- साधना मधूरान्तक वटी (sadhna Madhurantak vati)
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