धनिया के 24 गज़ब के घरेलु उपाय(Coriender: benefits and usage)
धनिया का परिचय:(Introduction of Dhaniya)
धनिया क्या है? (Dhaniya kya hai?)
इसके बारे में तो सब जानते है होंगे क्योकि यह हर स्थान पर काम में आने वाला होता है| धनिया का सबसे ज्यादा उपयोग सब्जी में खुशबू व स्वाद बढ़ाने में लिया जाता है| यह एक ऐसा पौधा है जो आसानी से कही पर भी बोया जा सकता है| यह दो तरह का होता है| एक खुशबुदार होता है| एक में खुशबू नही होती है|
इसे आप सब्जी में ही प्रयोग करते होंगे| क्या आपको पता है कि सब्जी के अलावा भी कही और भी इसका प्रयोग किया जाता है| आपको नही पता है आज आपको बता दे कि इसका प्रयोग अनेक बिमारियों में भी किया जाता है| इस धनिया को आयुर्वेद के औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है| इसलिए इसे आयुर्वेद में इसे रामबाण औषधि कहा जाता है जिसके पास हर बीमारी का इलाज पाया जाता है|
क्या आपको पता है की यह पौषक तत्व से भरपूर है इसी कारण यह मधुमेह, एनीमिया, और अन्य रोगो से यह आपको राहत दिलाता है| धनिया एक मसाला होने के साथ यह एक औषधि भी है| सम्पूर्ण भारत में हर घर में धनिए के सूखे फलों का प्रयोग मसाले के तौर पर किया जाता है| धनिया का इस्तेमाल कर भोजन से अरुचि, पाचनतंत्र रोग, मूत्र विकार गीला धनिया विशेषत रूप से पित्तशामक होता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (dhaniyan ki akriti)
इसका पौधा 30 से 90 सेमी ऊँचा एक साल तक चलने वाला व कोमल तथा खुशबुदार होता है| इसके नीचे के पत्ते विभक्त होते है| खांडयुक्त तथा उपर के पत्ते बिखरे हुए और रेखादार होते है| इसके फुल सफेद तथा गुलाबी व हल्के बैंगनी रंग के, छतरी के सम्मान छोटे होते है| इसके फल गोलाकार, भूरे तथा धारीदार होते है| जो दबाने पर दो भागो में बट जाते है| जिनमे एक एक बीज होता है| धनिये का फलकाल व फूलकाल दिसम्बर से मार्च तक होता है|
धनिये के पौषक तत्व (Dhaniya ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- वसा
- फाइबर
- कार्बोहाइड्रेट
- मिनरल
- कैल्शियम
- फास्फोरस
- आयरन
- कैरोटीन
- थियामीन
- पोटोशियम
- विटामिन- सी
धनिये के सामान्य नाम (Dhaniya common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Coriandrum sativum |
अंग्रेजी (English) | Coriander |
हिंदी (Hindi) | धनिया |
संस्कृत (Sanskrit) | धाना,कुस्तुम्बुरु,वितुन्नक,छत्रा,धान्यक,धान्या,धानी,धानेयक |
अन्य (Other) | कोटबोर (कोंकणी ) कोथांबरी (कन्नड़) धाना (गुजराती) कोटमल्लि (तमिल) धनियलु (तेलगु) धाने (बंगाली) धनिया (नेपाली) |
कुल (Family) | Apiaceae |
धनिया के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Dhaniya ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | त्रिदोषहर (pacifies tridosha) |
रस (Taste) | कषाय (astringent), तिक्त (biteer), मधुर (sweet), कटु (pungent) |
गुण (Qualities) | लघु (light), स्निग्ध (oily) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | मधुर (sweet) |
अन्य (Others) | शूलहर, रेचन, दीपन, पाचन, ग्राही, कृमिघ्न |
कुस्तुम्बुरु/धनियाँ के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Dhaniya ke fayde or upyog)
अधिक प्यास में धनियाँ
- यदि आपको अधिक प्यास लगती है तो धनियाँ के पानी में शहद मिलाकर पिने से अधिक प्यास से छुटकारा मिलता है|
उच्च रक्तचाप में धनिया (Dhaniya for high blood pressure)
- धनिया पौटेशियम, लौह, कैल्शियम, मैग्नीशियम तथा मैगनीज का अच्छा सोत्र है जो ह्रदय की दर और रक्तचाप को नियंत्रण रखता है|
- लोगों में विभिन्न कारणों कि वजह से रक्तचाप की समस्या हो सकती है, जैसे तनाव, टेन्शन| धनिया खाने से तनाव दूर होता है जो आपके रक्तचाप को नियंत्रण रखने में मदद करता है, और इस प्रकार आप रक्त चाप को काबू में कर सकते है|
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए धनिया
- हरा धनिया न सिर्फ खाने को महक देता है बल्कि यह आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में फायदेमंद है| हरे धनिए में ऐसे पौषक तत्व पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं| इसके लिए कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित व्यक्ति को धनिया के बीजों को उबालकर इसके पानी को पीना फायदेमंद होता है|
एनीमिया में धनिया के फायदे (Dhaniya for anemia)
- यदि आपके शरीर में खून की कमी है तो धनिया आपके शरीर में खून को बढ़ाने में तो फायदेमंद होता ही है, साथ ही यह आयरन से भरपूर होता है| इसलिए यह एनीमिया को दूर करने में फायदेमंद है|
पाचन शक्ति को बढाने के लिए (Dhaniya for digestion)
- हरा धनिया न सिर्फ पेट की समस्याओं को दूर करने में फायदा देता है बल्कि यह आपकी पाचन शक्ति को बढ़ाने में भी लाभकारी हो सकता है| पेट की समस्याओं जैसे पेट में दर्द होने पर धनिया के चूर्ण को मिश्री के साथ मिलाकर पीने से पेट दर्द से राहत मिल सकती है|
मधुमेह में उपयोगी धनिया (Dhaniya for diabetes)
- हरा धनिया ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए रामबाण माना जाता है| मधुमेह रोगियों के लिए हरा धनिया किसी औषधि से कम नही है| इसके नियमित सेवन से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल किया जा सकता है, और मधुमेह से छुटकारा पाया जा सकता है|
आँखों की रोशनी के लिए (Dhaniya for eyes)
- हरा धनिया विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है| रोजाना हरे धनिए का सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है| साथ ही सूखे धनियाँ को कूटकर एक गिलास पानी में उबलकर छानकर ठंडा हो जाने के बाद एक या दो बूंद आँख में डालने से आँख दर्द, आँखों की जलन तथा आँखों से पानी बहना बंद हो जाता है|
- यदि आपकी आँख दर्द कर रही है तो धनिया के रस को बकरी के दूध में मिलाकर आँख में एक- एक बूंद टपकाने से दर्द से छुटकारा मिलता है|
बालों के झड़ने की समस्या में (Dhaniya for hair)
- धनिया बालो के झड़ने की समस्या को दूर करता है क्योकि इसमे विटामिन व प्रोटीन होते है जो बालो के लिए बहुत ही फायदेमंद होते है| आप धनिया का कुछ ऐसे उपयोग करे धनिया के चूर्ण को सिरका के साथ पीसकर बालो पर लगाने से गंजापन व बालो के झड़ने की समस्या दूर होती है|
बच्चो को खांसी होने पर (Dhaniya for cough)
- यदि किसी बच्चे को खांसी हो गई गई तो चावलों के पानी में धनियाँ को घोंट लें| इसमें चीनी मिलाकर सुबह दोपहर तथा शाम को पिलाना है| इससे बच्चों की खांसी और दमे में लाभ होता है|
सिर दर्द में धनिया (Dhaniya for head ache)
- यदि आपको सिर दर्द की समस्या है तो बराबर-बराबर मात्रा में धनिया और आंवला को रात भर पानी में भिगो कर सुबह पीसकर और छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से गर्मी से होने वाले सिर दर्द में आराम मिलता है|
सांस की बदबू में (Dhaniya for bad breath)
- यदि आपको सांस की बदबू से परेशान है तो आप धनिये का प्रयोग कर सकते है इसके लिए धनिया को नियमित रूप से चबाने से सांसों से आने वाली बदबू मिटती है|
नकसीर में (Dhaniya for blood bile)
- यदि आपको नाक कान से खून आने की समस्या है तो धनिया के पत्तों को पीस लें| इसमें थोड़ा-सा कपूर मिलाकर दो या एक बूंद नाक में डालने से और सिर पर मलने से, नाक से खून बहनाबंद हो जाता है|
घेंघा रोग में (Dhaniya for goiter)
- यदि आप इस रोग से परेशान है तो आपको धनिया का उपयोग करना चहिए इसके लिए धनियाँ को पीसकर जौ के सतु में मिलाकर गले पर लगाने से इस रोग से छुटकारा मिलता है|
कंठ के दर्द में धनिया
- यदि आपको कंठ में दर्द है तो धनिया के बीज को दो तीन बार चबाने से दर्द का शमन होता है|
खूनी दस्त में (Dhaniya for diarrhea)
- अगर दस्त के साथ खून आता है तो आपको धनिया का प्रयोग करना चहिए इसके लिए धनिया को एक गिलास पानी में भिगोकर पीस छान लें| इसे सुबह खाली पेट पीने से दस्त के साथ खून आना बंद हो जाता है और दस्त में भी लाभ मिलता है|
उल्टी में (Dhaniya for vomiting)
- हरा धनिया के काढ़े में मिश्री और चावल का पानी मिला लें| इसे थोड़ा-थोड़ा पिलाने से गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी बंद हो जाती है|
- धनिया , सोंठ, तथा नागरमोथा को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर काढ़ा में मिश्री मिलाकरगर्भवती स्त्री को पिलाने से उल्टी ठीक हो जाती है इससे अन्य लोगों को भी लाभ मिलता है|
अजीर्ण में धनिया
- यदि आपको खाना खाने के बाद अजीर्ण की समस्या है| तो धनियाँ, लौंग तथा निशोथ इसका चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ सुबह, शाम पिने से अजीर्ण की समस्या समाप्त होती है|
मूत्र रोग में (Dhaniya for urinary disease)
- यदि आपको पेशाब रुक रुक के आता है या फिर पेशाब संबंधित कोई रोग है तो आप हरा धनिया तथा गोक्षुर के फलों को पानी में पकाए| जब यह एक चौथाई बचे तो घी मिलाकर सुबह शाम को पिने से इससे मूत्र रोग में लाभ मिलता है |
खूनी बवासीर में (Dhaniya for piles)
- यदि आपको खूनी बवासीर की समस्या है तो आप इसके लिए धनिया के बीजों को एक गिलास पानी और मिश्री के साथ उबालकर सेवन करने से बवासीर से बहने वाला खून रुक जाता है|
जोड़ो के दर्द में (Dhaniya for joint pain)
- जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो 5 ग्राम धनिया के चूर्ण में,8 ग्राम शक्कर मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से इससे जोड़ों के दर्द में फायदा होता है|
पित्त के कारण बुखार में (Dhaniya for fever)
- यदि आपको पित्त के कारण बुखार है तो धनियाँऔर चावल को रात भर भिगो दें| इसका काढ़ा बना ले फिर इस काढ़ा को सुबह , शाम को पिने से बुखार में लाभ होता है| धनिया के औषधीय गुण बुखार के लक्षणों से राहत दिलाने में फायदेमंद होता है|
त्वचा संबंधित रोग में (Dhaniya for skin)
- यदि आपको त्वचा संबंधित कोई रोग है| जैसे शरीर में जलन या अन्य कोई समस्या है तो धनियाँ के पत्तों के रसको शहद के साथ मिलाकर लगाना चाहिए|
मासिक धर्म में (Dhaniya for menstrual disorder)
- यदि आपको इस धर्म के दौरान अधिक रक्तस्त्राव की परेशानी है तो आपको धनिया का प्रयोग करना चहिए इसके लिए धनिया का काढ़ा बनाकर दिन दो तीन बार सेवन करने से रक्तस्त्राव कम होता है|
सूजन में (Dhaniya for swelling)
- यदि आपको किसी कारण चोट लग है या सूजन आ गई है तो सूजन उतारने के लिए धनिया के ताजे पत्ते को पीसकर इसमे चने का आटा मिलाकर लेप करने से सूजन तथा दर्द से छुटकारा मिलता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Dhaniya)
- जड़
- पत्ती
- बीज
- पंचांग
- बीज का तैल
- फल
सेवन मात्रा (Dosages of Dhaniya)
- फल चूर्ण -3 से 6 ग्राम
- क्वाथ -20 से 50 मिली
सावधानियां (Precautions of Dhaniya)
क्या आपको पता है की आपने अभी तक इसके फायदों के बारे में ही सुना है या जाना है लेकिन इसके अधिक सेवन से कुछ हानि भी होती है| धनिया के पत्तो और बीजो का अधिक सेवन करने से व्यक्ति की कामशक्ति कम होती है और मासिकधर्म रुक जाता है तथा यह दमे कि बीमारी में भी नुकसान पहुँचाता है|
धनिये से निर्मित औषधियां
- धान्यकादि हिम
- धान्यकादि क्वाथ