पान (Pan)
पान का परिचय: (Introduction of Pan)
पान क्या है? (Pan kya hai?)
इसके बारे में तो आपने जरुर ही सुना होगा क्योकि यह पूरे भारत में प्रसिद्ध है| जिसे बड़े ही चाव से खाया जाता है| सबसे अधिक पान बनारस का प्रसिद्ध है| दरअसल भारत में पान खाने की परंपरा बहुत ही पुरानी है| इस में दो चीजे बहुत ही अहम होती है| एक तो पान दूसरी सुपारी|
आज आपको जानकर हैरानी होगी कि सुपारी से अलग पान के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं| इसके पत्ते का उपयोग शरीर की कई परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जाता है| यह सिर्फ पान ही नही बल्कि एक रामबाण औषधी है| जिसका प्रयोग कई सारी बीमारियों के उपचार में किया जाता है|
इसके पत्ते सात शिराओं से युक्त होने के कारण इसे सप्तशिरा भी कहा जाता है| इसकी फैली हुई लता किसी सांप के समान दिखाई देती है इसी कारण से इसे नागवल्लरी भी कहा जाता है| क्या आपको पता है की जिसे आप बड़े ही चाव से खाते है| उसके कितने सारे फायदे है| नही पता तो आज आपको इसके फायदों के बारे परिचित करवायंगे| सिर के रोग, कैंसर के बचाव के लिए, कब्ज, हाथीपांव, डिप्थीरिया आदि रोगो को दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है|
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Pan ki akriti)
इस का पौधा कोमल जड़ दार होता है| इसकी लता कोमल होती है जो फैलती है| इसके तने चिकने, मजबूत, छोटी जड़ के सहारे ऊपर चढ़ने वाले होते हैं| इसके पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े और चौड़े होते हैं| इसके पत्तों का रंग हरा, चमकीले व इसके आगे का भाग नोकदार होता है| इसके फल सदृश आकार के होते है| बनारस में होने वाला पान सबसे उत्तम माना जाता है| इसका फूलकाल व फल काल सितम्बर से दिसम्बर होता है|
पान के पौषक तत्व (Pan ke poshak tatva)
- प्रोटीन
- वसा
- मिनरल
- फाइबर
- क्लोरोफिल
- कार्बोहाइड्रेट
- निकोटिन एसिड
- विटामिन-सी
- विटामिन-ए
- थियामिन
- राइबोफ्लेविन
- टैनिन
- नाइट्रोजन
- फास्फोरस
- पोटैशियम
- कैल्शियम
- आयरन
- आयोडीन
- कैलोरी
ताम्बुल/पान के सामान्य नाम (Pan common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Piper betle |
अंग्रेजी (English) | Betel leaf |
हिंदी (Hindi) | पान |
संस्कृत (Sanskrit) | नागवल्ली, नागवल्लरी, सप्तशिरी, ताम्बूलवल्ली, ताम्बूली, नागिनी, ताम्बूल, भक्ष्यपत्ता, भुजङ्गलता, |
अन्य (Other) | पान (उर्दू) पानो (उड़िया) अम्बाडीयेले (कन्नड़) नागरवेल (गुजराती ) तमालापाकु (तेलगु) वेत्तिलै (तमिल) खासीपान (बंगाली) पान (नेपाली ) नागवेल (मलयालम ) |
कुल (Family) | Piperaceae |
पान के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Pan ke Ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातशामक (pacifies cough and vata) |
रस (Taste) | कटु (pungent), तिक्त (bitter) |
गुण (Qualities) | लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | कटु (pungent) |
अन्य (Others) | जंतुघ्न, उत्तेजक, शोथहर, वेदनास्थापन, दुर्गन्धनाशन |
पान के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Pan ke fayde or upyog)
ह्रदय के रोग में (Pan for heart)
- हृदय की कमजोरी और हृदय विकार में इस का सेवन लाभदायक होता है| इस का शर्बत पीने से हृदय का बल बढ़ता है, और इसे के साथ ही कफज और मंदाग्नि ठीक होता है|
कैंसर के बचाव के लिए पान का उपयोग (Pan for cancer)
- आप सोच रहे होंगे एक पान कैंसर से केसे बचाव कर सकता है लेकिन आपको बता देंगे की यह कैंसर हो तो पूरी तरह से खत्म नही करता है पर यह इसके लक्षणों से लड़ने में मदद करता है| इसमे कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है जो कैंसर से लड़ते है| इसलिए इसका उपयोग करना चहिए|
वजन कम करने के लिए पान (Pan for obesity)
- यदि आप मोटे होते ही जा रहे है तो वजन कम करने में इस का उपयोग कर सकते है| दरअसल, इस के पत्ते का अर्क शरीर में ऑक्सीडेशन प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है, जो शरीर के वजन को बनाए रखने में मदद कर सकता है| इसकी खास बात यह है कि यह भूख को प्रभावित किए बिना वजन को संतुलित रख सकता है| इससे वजन भी संतुलित रहता है|
मधुमेह में (Pan for diabetes)
- अक्सर लोग आजकल की भाग दोड की वजह मधुमेह का शिकार होते जा रहे है और अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है| इससे यदि आप छुटकारा पाना चाहते है तो आप पान उपयोग कर सकते है|
भूख को बढ़ाने के लिए (Pan for increase hunger)
- ताम्बूली में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है जो आपके भूख को बढ़ाते है और आपके पाचन को भी स्वस्थ रखते है| इसके लिए इस की पत्तियों को चबाने से आपकी लार ग्रन्थि अधिक काम करती है| यह लार को अधिक बनता है| जिससे पाचन अधिक होता है| जिससे आपकी भूख बढती है|
मसूडो की समस्या में पान
- आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगो के मसूड़ों से खून आता है| अगर आपको ऐसी समस्या है तो इसके लिए आपको ताम्बूली के साथ उबाले गए पानी के साथ कुल्ला करने से राहत मिल जाती है| आप गरारा भी कर सकते है| इसके साथ ही मसुडो की सूजन व गाँठो से छुटकारा मिलता है|
कामशक्ति को बढ़ाने के लिए पान
- यदि किसी व्यक्ति की कामशक्ति कमजोर है और अनेक परेशानियों के सामना करना पड़ता है| इससे कुछ लोग शर्मिंदा भी होते है या कुछ लोग खुल के किसी को भी बता नही सकते है| वह ताम्बूली का उपयोग कर सकते है| इसके लिए पान का अर्क बनाकर सेवन करने से आपकी काम शक्ति बढती है|
मिर्गी के रोग में (Pan for epilepsy)
- यदि कोई भी इस रोग से ग्रस्त है तो इसमें ताम्बूल के सेवन से लाभ मिलता है| महिलाओं को मिर्गी आने पर ताम्बूली के रस को दूध में मिलाकर पिलाना चाहिए| इससे इस रोग में लाभ मिलता है|
शारीरिक कमजोरी में (Pan for weakness)
- यदि आप दुबले पतले है और आपको कमजोरी महसूस होती है तो पान के शर्बत में चरपरी चीजें या गर्म बेसवार मिला लें| इसे दिन में तीन बार पिने से शरीर की कमजोरी दूर होती है|
नपुसंकता को दूर करने में पान
- आप पान के औषधीय गुण से नपुसंकता की बीमारी का इलाज भी कर सकते हैं| ताम्बूली के पत्तों को लिंग पर बाँधने से नपुंसकता रोग में लाभ होता है| बेहतर लाभ के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से जरूर सलाह लें|
सांप के काटने पर पान
- सांप के डसने पर पान से लाभ होता है| ताम्बूली के रस को सांप के काटने वाले स्थान पर लगाएं| इससे सांप के डसने से होने वाला नुकसान कम होता है|
सूजन में (Pan for swelling)
- शरीर के किसी भी अंग में सूजन हो गई हो या फोड़ा हो गया है| आप पान से उसे ठीक कर सकते हैं| बीमारी वाले अंग पर पान को गर्म करके बाँधें। इससे सूजन और दर्द ठीक होता है|
बुखार में उपयोगी पान (Pan for fever)
- यदि आपको बार – बार बुखार आता है तो बुखार में भी पान के औषधीय गुण से लाभ होता है| पान के अर्क को गर्म कर लें| इसे दिन में दो-तीन बार पीने से बुखार उतर जाता है|
- इसके अलावा यदि बुखार ठीक न हो तो पान के पके पत्तों में घिसकर पकाए हुए घृत का सेवन हितकर होता है|
घाव में
- यदि आपको कही पर चोट लग गई है और घाव हो गया है तो घाव होने पर भी पान के औषधीय गुण से फायदा मिलता है| घाव के ऊपर ताम्बूल को बांधें| इससे घाव जल्दी भर जाते है|
हाथीपाँव में उपयोगी पान
- यदि आप हाथीपाँव से परेशान है तो पान के फायदे हाथीपाँव में भी मिलते हैं| पान के सात पत्तों को लेकर पेस्ट बना लें| इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिला लें| इसे गुनगुने पानी के साथ पीने से हाथीपाँव में लाभ मिलता है|
स्तन की सूजन में उपयोगी पान
- जिन महिलाओं के शिशु की मृत्यु हो गयी हो, और स्तनों में दूध भर जाने से सूजन की समस्या हो गई हो तो उन महिलाओं के स्तनों पर पान को गर्म करके बाँधने से सूजन कम हो जाती है| इससे दूध सूख जाता है और सूजन से आराम मिलता है|
बच्चों की कब्ज में (Pan for constipation)
- यदि किसी को कब्ज की समस्या है तो इसकी डंठल पर तेल चुपड़कर बच्चों की गुदा पर रखें| इससे बच्चों की कब्ज खत्म हो जाती है|
सांस की समस्या में (Pan for asthma)
- इस के पत्तों को गर्म कर सांसों से जुड़ी बीमारियों वाले रोगी की छाती पर बाँधें| इससे सांसों से जुड़ी बीमारियों में लाभ होता है और इसी के साथ ही डिप्थीरिया रोग में इस के रस का सेवन करने से गले की सूजन कम हो जाती है|
खांसी – जुखाम में (Pan for cold and cough)
- बुजुर्ग लोग भी सर्दी-जुकाम में इस का इस्तेमाल कर फायदा ले सकते हैं| पान की जड़ और मुलेठी को पीस लें| इसे मधु के साथ चाटने से सर्दी-जुकाम व खांसी में लाभ होता है|
बच्चो की सर्दी में (Pan for children)
- यदि किसी छोटे बच्चे को सर्दी हो गई है तो इस पत्ते को गर्म करके एरण्ड का तैल लगाकर छाती पर बांधने से बच्चो की सर्दी में लाभ मिलता है|
कान दर्द में (Pan for ear)
- यदि आपको किसी भी प्रकार का कान दर्द है तो इसके पत्ते के रस की एक या दो बूंद कान में डालने से कान दर्द का शमन होता है|
रतौंधी में
- यदि किसी व्यक्ति को इस रोग की समस्या है तो इसके पत्तो के रस की एक या दो बूंदों को आँख में डालने से रतौंधी की समस्या में बहुत ही लाभ मिलता है|
सिर दर्द में (Pan for head ache)
- अगर आपको सिर दर्द हो रहा है तो इस के पत्तो को कान के चारो तरफ बांधने से सिर दर्द से छुटकारा मिलता है|
पान के उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Pan)
- पत्ती
पान की सेवन मात्रा (Dosages of Pan)
- जूस -5-10 ml
पान से निर्मित औषधियां
- ताम्बुलासव