करौंदा (Karonda)
करौंदा का परिचय: (Introduction of Karonda)
करौंदा क्या है? (Karonda kya hai?)
जिस प्रकार इमली का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है उसी प्रकार करौंदा का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है| लोग इसके आने का बेसब्री से इन्तजार करते है| लेकिन क्या होगा यदि में आपसे कहूँ जिस करोंदे का आप इतनी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है उसके कुछ औषधीय गुण भी है|
कुछ ऐसे औषधीय गुण जो आपको कई रोगों से मुक्ति दिला सकते है, उनसे बचाव कर सकते है| निश्चित ही आपके मन में आएगा कि शायद यह एक झूठ है| परन्तु ऐसा बिलकुल भी नही है| आयुर्वेद में करोंदे को औषधि मान कर प्रयोग किया है| आम आदमी के लिए तो एक तीर से दो शिकार वाली कहावत लागु हो सकती है| यह स्वाद में तो अच्छा है ही और ऊपर से इसका सेवन कर के रोगों का भी शमन किया जा सकता है|
इसमें कैल्शियम, विटामिन C, आयरन, फाइबर, फास्फोरस, पोटेशियम आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते है| आइये आपको परिचित कराते है करौंदा और उससे होने वाले फायदों से..
बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Karonda ki akriti)
कांटो से युक्त यह एक पौधा होता है जो घना होता है| इसका तना छोटा होता है| कांटें आगे वाले भाग से तीखे होते है| नीम्बू के आकार के इसके पत्तें आकार में छोटे होते है| इसके फूल सफ़ेद और लाल रंग के दिखाई देते है| फूल गुच्छों में आते है| कुछ अंडाकार दिखने वाला इसका फल जब कच्चा होता है तो हरा और जब पाक जाता है तो कुछ रक्ताभ वर्ण का दिखता है| इसमें से एक दूध निकलता है जो कच्चे फलों को तोड़ने पर निकलता है|इसके फूल और फल मई से नवम्बर के बीच आते है|
करौंदा के सामान्य नाम (Karonda common names)
वानस्पतिक नाम (Botanical Name) | Carissa carandas |
अंग्रेजी (English) | Carissa, Bengal currant, Christ, thorn |
हिंदी (Hindi) | करोंदा, करौंदा, करोना, तीमुखिया |
संस्कृत (Sanskrit) | करमर्द, सुषेण, क्षीरफेना |
अन्य (Other) | करवानाह (उर्दू) करमदा (गुजराती) वाका (तेलुगु) करोधा (नेपाली) |
कुल (Family) | Apocynaceae |
करौंदा के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Karonda ke ayurvedic gun)
दोष (Dosha) | कफवातवर्धक (कच्चा फल), वातहर (पका फल) |
रस (Taste) | अम्लीय (कच्चा फल), मधुर (पका फल) |
गुण (Qualities) | गुरु (heavy) |
वीर्य (Potency) | उष्ण (hot) |
विपाक(Post Digestion Effect) | अम्ल (sour) |
अन्य (Others) | वातहर, ह्रदय |
करौंदा के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Karonda ke fayde or upyog)
कब्ज़ में लाभदायक करौंदा (Karonda for constipation)
- कब्ज़ होने पर पके हुए करौंदा के बजाय यदि कच्चे करौंदा का सेवन किया जाता है तो कब्ज़ दूर होती है| कच्चा करौंदा गर्म प्रकृति का होता है इसी कारण आप इसे कब्ज़ में इस्तेमाल कर सकते है| इसके अलावा किसी भी चिकित्सा को लेने से पहले पेट साफ़ कराया जाता है तो करोंदा उसके लिए भी एक अच्छा उपाय है|
त्वचा रोग के लिए लाभकारी (Karonda for skin)
- दाद, खाज या खुजली होने पर इसी जड़ का लेप करना चाहिए| इसके अलावा इसकी जड़ को कपूर के साथ मिलाकर लगाने से भी त्वचा रोगों का शमन होता है|
- इसकी जड़ को पीस लें| अब इसे तेल में पकाएं| इस तेल को त्वचा रोगों में मुख्य रूप से कंडू या खुजली में लगाने से लाभ पहुँचता है|
- पके हुए करोंदे को अच्छे से घोट कर लगाने से सभी प्रकार के त्वचा रोगों का शमन होता है|
- एडियों के फटने पर यदि इसके बीजों का लेप लगाया जाता है तो राहत मिलती है|
बालों और आँखों के लिए फायदेमंद करौंदा (Karonda for eyes and hairs)
- यदि आप भी अपने बालों में मजबूती, कालापन और घना करना चाहते है तो इसके फल का सेवन जरुर करें| इसके अलावा यह आँखों के लिए भी लाभदायक होता है| इसके फल में विटामिन C होता है जो बालों और आँखों के लिए काफी हद तक अच्छा रहता है|
अधिक प्यास लगने पर (Karonda for excessive thirst)
- ज्यादा प्यास लगने पर इसके कच्चे फल का चूर्ण बना कर सेवन करना चाहिए| इससे अधिक प्यास लगना बंद हो जाती है|
खून को साफ़ करें
- खून में अलग अलग तरह के विषैले पदार्थ होने के कारण खून साफ़ नही रहता| चूँकि यह सारा खून कई बार हमारे शरीर में दौड़ता है तो हमारा बीमार होना निश्चित है| ऐसे में आप करोंदे के फल का सेवन कर के खून को साफ़ कर सकते है| इसके साथ ही इसके फल में आयरन पाया जाता है जो खून में वृद्धि करता है जिससे एनीमिया दूर होता है|
ह्रदय के लिए लाभदायक (Karonda for heart)
- करोंदे के कच्चे फल का सेवन हमारे ह्रदय को बल प्रदान करते है| इसके साथ ही यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी सही बनाये रखने में मदद करता है| इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारा ह्रदय रोगों से बचाव करते है|
खांसी का शमन करे करौंदा का सेवन (Karonda for cough)
- यदि आपको सूखी खांसी है तो इसके पत्तों के रस में मधु मिलाकर लेने से लाभ मिलेगा|
मसूड़ों के लिए लाभदायक (Karonda for gums)
- मसूड़ों से खून आना, फूल जाना, असमय दांतों का गिरना आदि मसूड़ों के कमजोर होने के संकेत होते है| यदि आप भी आने मसूड़ों को मजबूत बनाना चाहते है तो इसकी चटनी का सेवन करें| इससे जल्द ही ये सभी समस्याएँ खत्म होगी|
कीड़ो को मारे (Karonda for bugs)
- पेट में कीड़ें हो जाने पर इसकी जड़ का चूर्ण बना कर सेवन करें| पेट या आँतों में उपस्थित कीड़ों का इस उपाय से जल्दी शमन होता है|
दमा रोग में करौंदा का प्रयोग (Karonda for asthma)
- इसकी जड़ से निकलने वाले रस को यदि अस्थमा या दमा के रोगी को दिया जाता है तो अस्थमा में आराम मिलने लगता है|
मूत्र सम्बन्धी रोगों में (Karonda for urinary disease)
- मूत्र त्याग करते समय यदि आप को भी दर्द और कठिनाई से गुजरना पड़ता है तो इसकी जड़ का चूर्ण बना कर उसे दूध के साथ लेना चाहिए| इससे मूत्र रोगों में लाभ मिलता है|
दुर्बलता का शमन करे (Karonda for weakness)
- इसके फल में पाए जाने वाले पोषक दुर्बलता का शमन करते है| लम्बी बीमारी से उठे व्यक्ति को ताकत देने के लिए यह एक अच्छा उपाय साबित हुआ है|
पेट दर्द में (Karonda for stomach ache)
- इस औषधि के फूलों से बने चूर्ण का सेवन सबसे अच्छा माना गया है| इसके अलावा आप इसकी जड़ का चूर्ण बना कर उसे भी पेट दर्द में ले सकते है|
पेट में पानी भर जाने पर करौंदा का प्रयोग
- जलोदर या पेट में पानी भर जाने पर इसके पत्तों से निकलने वाले रस को रोज सुबह बढती हुई मात्रा में लें| कुछ दिनों बाद वापस इसे घटती मात्रा में लें| ऐसा करने से इस समस्या का समाधान बहुत जल्द हो जायेगा|
रक्त प्रदर में करौंदा
- दूध में यदि इसकी जड़ को अच्छे से घिस कर सेवन कराया जाता है तो रक्त प्रदर के साथ साथ मासिक धर्म की भी सभी समस्याओं में लाभ मिलता है|
कैंसर से बचाव करे (Karonda for cancer)
- यदि आप करोंदे का उचित मात्रा में सही अवधि तक सेवन करते है तो इससे कैंसर से बचाव होता है| इसके पोषक तत्व कैंसर रोधी गुण दर्शाते है| इसी के चलते यह कैब्सर में भी लाभदायक होता है|
वजन घटायें (Karonda for weight loss)
- करौंदे का सेवन करने से पेट काफी देर तक भरा भरा रहता है| ऐसा इसलिए होता क्योंकि इसमें फाइबर की काफी अच्छी मात्रा उपस्थित होती है| इसी कारण यह आपका वजन नियंत्रित करने में मदद करता है|
बुखार में (Karonda for fever)
- यदि पिछले आपको कई दिनों से बुखार है और बुखार नही उतर रहा तो ऐसे में इसके पत्तों से बना हुआ काढ़ा आपके लिए काफी हद तक फायदेमंद साबित होता है|
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये (Karonda for immunity)
- करोंदे का सेवन करने वाले लोगो की प्रतिरक्षा प्रणाली या रोगों से लड़ने की क्षमता अच्छी होती है क्योंकि उन्हें करोंदे के सेवन से वे सभी पोषक तत्व मिल पाते है जिनकी उन्हें और उनके शरीर को जरुरत होती है| आप भी इसका सेवन कर के रोगों से लड़ने की क्षमता को बाधा सकते है|
अपस्मार में करौंदा (Karonda for epilepsy)
- इसके पीसे हुए पत्तों को यदि दधि के साथ मिलाकर सेवन किया जाता है तो इससे मस्तिष्क को शांति मिलती है और मिर्गी रोग में भी आराम मिलता है|
उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Karonda)
- जड़
- पत्ती
- बीज
- फूल
- तेल
सेवन मात्रा (Dosage of Karonda)
- जूस -15-20 ml
- क्वाथ –30-40 ml