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सनाय (Sannai)

सनाय  का परिचय: (Introduction of Sannai)

Table of Contents

सनाय क्या है? (What is Sannai?)

यह एक चमत्कारी पौधा है| जिसके प्रयोग से कही सारी बीमारीयों से छुटकारा पाया जा सकता है| इसके पौधे को आयुर्वेद में औषधि के रूप में प्रयोग में लिया जाता है| सनाय औषधि रोगो के लिए रामबाण की तरह उपचार करती है| जिसकी वजह से व्यक्ति एक दम स्वस्थ हो जाता है|

क्या आप परेशान है कब्ज की परेशान की से? यह कब्ज से छुटकारा दिलाने के लिए एक रामबाण औषधि है| क्या आप पीड़ित है कैंसर की बीमारी से? यह कैंसर से राहत पाने के लिए बहुत ही लाभदायक है| यह पित्तज विकार, वातजगुल्म, पेट के कीड़ो का नाश करने में,सन्निपात ज्वर तथा पेट दर्द, सांस संबंधित परेशानी आदि रोगो में यह बहुत ही फायदेमंद है|

इस औषधि के गुण बहुत ही पाए जाते है| जो रोगो के उपचार के लिए कारागा है| आइये इसके फायदों के बारे में जानते है की इसका प्रयोग और किन – किन बीमारी में लिया जाता है|  

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Sannai ki akriti)

यह पुरे भारत में पाया जाता है, लेकिन मुख्य रूप से गुजरात के कच्छ तथा तमिलनाडु में इसकी खेती की जाती  है| इसके पत्तों का प्रयोग विरेचनार्थ किया जाता है तथा यह पंचसकार चूर्ण का एक अंग है| इसका पौधा अनेक सालो से जीवित रहने वाला होता है| इसके पत्ते पीछा के आकार के समान होते है| यह अंडाकार तथा भालाकार तथा चमकीले, हरे रंग के होते है| इसके फूल पीले रंग के सुगन्धित होते है| इसके फली चौड़ी, चपटी होती है, जब यह कच्ची होती  है तो यह हरी और पकने के बाद भूरे रंग की हो जाती है| इसकी प्रत्येक फली में 6 से 7 बीज होते है | इसका फूलकाल और फलकाल सितम्बर से मार्च तक होता है|

सनाय  के सामान्य नाम Herbal Arcade
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सनाय  के सामान्य नाम (Sannai common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Senna alexandrina
अंग्रेजी (English)Indian senna 
हिंदी (Hindi)देशी सनाय; 
संस्कृत (Sanskrit)मार्कण्डिका, भूमिवल्ली, मार्कण्डी, स्वर्णपत्री, मृदुरेचनी
अन्य (Other)सोनामुखी (उड़िया) नीयावरा नेलावरिके (कन्नड) मीठीआकवल (गुजराती) नेलातेनगेडु  (तेलगु) नीला वाकाई  (तमिल) सोनपात (बंगाली) सनाय  (नेपाली) सोनामुखी (मराठी)
कुल (Family)Caesalpiniaceae 

सनाय के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Sannai ke Ayurvedic gun)

दोष (Dosha)पित्तशोधक, वातशामक
रस (Taste)मधुर (sweet), तिक्त (bitter), कटु (pungent)
गुण (Qualities)लघु (light), रुक्ष (dry), तीक्ष्ण (strong)
वीर्य (Potency)उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others) सुखविरेचक, कृमिघ्न, ज्वरघ्न
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सनाय के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Sannai ke fayde or upyog)

कब्ज से राहत पाए (Sannai for constipation)

  • बासा भोजन खाने से या कुछ अलग खान पान की वजह से आपको यदि कब्ज की समस्या हो गयी है तो इससे राहत पाने के लिए सनाय के 2 से 3 ग्राम चूर्ण को 5 से 12 मिली इमली के रस में मिलाकर सेवन करना चाहिए|

सांस की तकलीफ में (Sannai for breathing problem)

  • यदि आपको सांस संबंधित परेशानी है यानि अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ, आदि से छुटकारा पाने के लिए आंवला के रस के साथ सनाय के चूर्ण का सेवन करने से सांस संबंधित परेशानी में लाभ होता है|

कैंसर के लक्षणों को कम करे (Sannai for cancer)

  • यदि आप किसी भी प्रकार के कैंसर के लक्षणों से परेशान है तो इन लक्षणों को कम करने के लिए  इस औषधि का प्रयोग किया जाता है|

पेट के कीड़ो से छुटकारा पाए (Sannai for stomach bugs)

  • सनाय के स्टीमुलेंट लैक्सटिव और रेचक गुण पेट और आंतों के कीड़ों के उपचार में लाभदायक होते हैं| इसलिए पेट में कीड़े होने पर सनाय का इस्तेमाल किया जा सकता है|

वजन कम करने के लिए (Sannai for weight loss)

  • यदि आपका वजन  बढ़ता ही जा रहा है तो इसको कम करने के लिए सनाय का प्रयोग किया जाता है| वजन कम करने के लिए पेट का साफ होना बहुत ही जरूरी होता| इस औषधि में बहुत ही कम कैलोरी पाई जाती है जिसकी वजह से आपके तरल प्रदार्थ सेवन करने से इच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है| इसके पत्तो का सेवन करने से वजन कम होता है|

पेचिश से राहत पाए 

  • सनाय की पत्ती, त्रिफला और कालानमक को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में नींबू का रस मिलाकर गोली बना लें| यह एक गोली सुबह- शाम खाने से पेचिश की समस्या दूर हो जाती है|

कुष्ठ रोग में (Sannai for leprosy)

  • यदि आप कुष्ठ रोग से पीड़ित है तो इस के पत्तो के रस का प्रयोग करने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है|

पित्तज विकार में सनाय

  • सनाय के प्रयोग से पित्तज विकारो का शमन होता है| सनाय के पत्तो के चूर्ण में शक्कर मिलाकर सेवन करने से पित्तज विकारो का शमन होता है|

दस्त में (Sannai for diarrhea)

  • सनाय का काढ़ा बनाकर पीने से दस्त साफ होते है| सनाय, सौंफ, सौंठ, सेंधा नमक, हर्र इन पांचों का चूर्ण खाने से दस्त आकर पेट साफ होता है|

जोड़ो के दर्द में (Sannai for joints pain)

  • जोड़ो के दर्द से राहत पाने के लिए सनाय के चूर्ण में शक्कर तथा सोंठ मिलाकर सेवन करने से जोड़ो के दर्द में आराम होता है|

बालों के लिए (Sannai for hairs)

  • सनाय के पत्तों के फायदों में बालों की समस्याओं से छुटकारा पाना भी शामिल है| सनाय के पत्तों को उपयोग करने से बाल जड़ों से मजबूत होते हैं| साथ ही यह बालों को झड़ने से रोकने में भी मदद करता है| सनाय के पत्ते को पीसकर एसेंशियल के तैल के साथ मिलकर सिर में लगाने के कुछ घंटों बाद बालों को पानी से धोने से उनमें चमक आती है|

भूख को बढ़ाने के लिए (Sannai for increase hunger)

  • अगर आपको भूख नही लगती है और आप दिन- दिन कमजोर होते जा रहो तो भूख बढ़ाने के लिए इसके चूर्ण में शक्कर मिलाकर, बिजौरा के नीम्बू के रस के साथ सेवन करने से अग्निदिप्त होती है और भूख बढती है|  
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पेट में पानी भरने की समस्या में सनाय

  • अगर किसी बीमारी के कारण आपके पेट में पानी भर गया है तो सनाय के चूर्ण को आमलकी के रस के साथ मिलाकर सेवन करने से पेट में पानी भरने की समस्या में आराम मिलता है|

पेट की सूजन में सनाय

  • सनाय के चूर्ण को बकरी के मूत्र के साथ सेवन करने से पेट की सूजन का शमन होता है|

पीलिया से राहत पाए  (Sannai for jaundice)

  • पीलिया से ग्रस्त रोगियों के लिए सनाय एक उत्तम औषधि है| जिसके उपयोग से आप पीलिया से छुटकारा पा सकते हो| इसका प्रयोग कुछ इस तरह करे सनाय के पत्तो के काढ़े या चूर्ण का सेवन करने से पांडू रोग, पीलिया तथा तिल्ली की वृद्धि का शमन होता है|

शरीर के दर्द में सनाय

  • यदि आपके शरीर पर किसी भी प्रकार का दर्द हो रहा है तो राहत पाने के लिए सनाय के चूर्ण को अनार के रस के साथ कुछ दिनों तक सेवन करने से सभी प्रकार के दर्द का शमन होता है|

बुखार में सनाय

  • मौसम बदलने के कारण बुखार की तो आम समस्या हो गई है| बुखार जैसी समस्या से राहत पाने के लिए इसके पत्तो का काढ़ा बनाकर या चूर्ण का सेवन करना चाहिए|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of)

  • पत्ते

सेवन मात्रा (Dosages of)

  • चूर्ण – 1 से 3 ग्राम
  • काढ़ा – 10 से 30 ग्राम

चेतावनी  —

सनाय का अधिक सेवन करने से लीवर की समस्या बढ सकती है|