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अरहर (Arhar)

अरहर का परिचय (Introduction of Arhar)

Table of Contents

अरहर क्या है? (What is Arhar?)

आज हम बात करेंगे रसोई घर के एक बहुत ही सामान्य खाद्य पदार्थ अरहर (आढ़की) के बारें में| इसे सामान्य रूप से तुअर भी कहा जाता हैं| यह एक दाल के रूप में होती हैं जो सभी घरों में आसानी से देखने को मिल जाती हैं| हम सब इसका सेवन तो करते हैं परन्तु सिर्फ एक सब्जी या दाल के रूप में| भारत में दाल सभी जगह बड़े चाव के साथ खायी जाती हैं|

इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखने के लिए बहुत आवश्यक होते हैं तथा यह रोगों के प्रभाव को समाप्त करने में भी एक अच्छी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं|

आढ़की ही नही इसके पौधे के कई ऐसे भाग हैं जो रोगों को समाप्त करने में उपयोग में लिए जाते हैं तथा इन्ही गुणों के कारण इसे एक औषधि के रूप में भी उपयोग में लिया जाता हैं| तो चलिए आज हम आपको परिचित कराते हैं आढ़की और उसके पौधे तथा इससे होने वाले विभिन्न लाभों के बारें में|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Arhar ki akriti)

आढ़की के पौधे की ऊंचाई 2 से 3 मीटर तक हो सकती हैं| यह एक शाकीय पौधा हैं| इसके पीलें फूलों पर लाल, या बेंगनी रंग की धारियां पाई जाती हैं| इसके बीज द्विबीजपत्री होते हैं| यह अक्टूबर से मार्च महीने के मध्य विकसित होते हैं|

अरहर (आढ़की) की प्रजातियाँ (Arhar ki prajatiya)

  • सफ़ेद अरहर
  • लाल अरहर

सफ़ेद की तुलना में लाल अरहर को अधिक पोष्टिक और उत्तम माना जाता हैं|

अरहर (आढ़की) के सामान्य नाम Herbal Arcade
अरहर (आढ़की) के सामान्य नाम Herbal Arcade

अरहर (आढ़की) के सामान्य नाम (Arhar common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Cajanus cajan
अंग्रेजी (English)Pigeon pea, Red gram
हिंदी (Hindi)अरहर, तुअर, रहड
संस्कृत (Sanskrit)आढ़की, तुवरी, शणपुष्पिका, तुवरिका
अन्य (Other)अरहर (उर्दू) हेरोणों (उड़िया) तोरी (कोंकणी) रहर (नेपाली) तुरदाल (गुजराती)
कुल (Family)Fabaceae

अरहर (आढ़की) के आयुर्वेदिक गुण (Arhar ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha)     कफपित्तशामक, वातवर्धक (pacifies cough and pitta, increase pitta)
रस (Taste) मधुर (sweet)
गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency) शीत (cold)
विपाक(Post Digestion Effect) मधुर (light)
अन्य (Others)दाहप्रशमन, लंघन
Ayurvedic properties of Arhar Herbal Arcade
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अरहर (आढ़की) के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Arhar ke fayde or upyog)

माइग्रेन या आधासीसी में अरहर

  • इस रोग में रोगी का सिर एक तरफ से या सिर का एक तरफ़ा हिस्सा दर्द से जूझता रहता हैं| ऐसे में आढ़की के पत्तों के रस में दूध मिलाकर यदि नाक में इसकी 2 बूंद डाली जाती हैं तो इस रोग में आराम मिलता हैं|

नेत्र विकारों में (Arhar for eyes)

  • आढ़की की जड़ को पानी में घिस कर यदि काजल की तरह आँखों में लगाया जाता हैं तो नेत्र रोगो का नाश होता हैं|

मुंह में जलन होने पर अरहर

  • अरहर (आढ़की) के फूलों और पत्तों का काढ़ा बना कर कुल्ला करने से मुंह में होने वाली जलन से छुटकारा मिलता हैं|

मुंह में छाले होने पर (Arhar for mouth ulcers)

  • इस औषधीय गुणों से भरे पौधे के पत्तों को चबाने से छालों में लाभ मिलता हैं|
  • अरहर (आढ़की) के पत्तों के रस का कुल्ला करने से भी छालों की समस्या में लाभ मिलता हैं|

गले की सूजन में (Arhar for throat swelling)

  • आढ़की के पत्तों के रस को हल्का गर्म करके गरारें करने पर गले की सूजन मिट जाती हैं|

छाती से जुड़े रोगों में लाभदायक अरहर (आढ़की)

  • इस पौधे की कली तथा फलियों को एक साथ पीस कर छाती पर लगाने से छाती से जुड़े रोगों में लाभ प्राप्त होता हैं|

स्तनों से अधिक दुग्ध स्त्राव की स्थिति में अरहर

  • इस स्थिति में आढ़की के पौधे के बीज और पत्तों का चूर्ण बना कर पानी के साथ मिला कर स्तनों पर लेप करना चाहिए|

हिचकी की समस्या में (Arhar for hiccup)

  • आढ़की से उत्पन्न भूसी को हुक्के में रखकर सेवन करने से हिचकी की समस्या में जल्द ही आराम मिलता हैं|

पीलिया या कामला में (Arhar for jaundice)

  • रोज सुबह सुबह यदि आढ़की के पत्तों और उचित मात्रा में सैंधे नमक तथा पानी के साथ रस बनाकर पीने से पीलिया रोग जल्द ही खत्म होता हैं|

गठिया रोग में (Arhar for gout)

  • घी के साथ आढ़की, मूंग, चना, मसूर और मोठ का सूप बनाकर पीने से गठिया का शमन होता हैं|

घाव को जल्दी भरने में (Arhar for wound)

  • आढ़की के पत्तों के रस को यदि घाव पर लगाया जाता हैं तो घाव जल्दी भरने में मदद मिलती हैं|

सूजन में (Arhar for swelling)

  • आढ़की के पत्तों का लेप बनाकर यदि सूजन वाली जगह लगाया जाता हैं तो सूजन का शमन होता हैं|
  • अरहर की दाल को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन जल्दी खत्म होती हैं|

अफीम का नशा उतारने में अरहर

  • अरहर (आढ़की) के पत्तों का रस पिलाने से अफीम का नशा उतरने में सहायता मिलती हैं|

सांप के विष में अरहर

  • अरहर (आढ़की) का प्रयोग सांप के विष को समाप्त करने के लिए भी किया जाता हैं|

कब्ज़ को खत्म करें (Arhar for constipation)

  • यदि आप भी लम्बे समय से कब्ज़ से परेशान हैं तो तुअर या अरहर आपकी कब्ज़ को समाप्त करने में मदद कर सकता हैं|

ह्रदय रोगों में (Arhar for heart)

  • अरहर (आढ़की) का सेवन करने से आपका रक्तचाप संतुलित होता हैं तथा मुख्य रूप से उच्च रक्तचाप में यह काम में ली जा सकती हैं|

एनीमिया में (Arhar for anemia)

  • अरहर (आढ़की) की दाल का सेवन करने से एनीमिया अर्थात खून की कमी दूर होती हैं|

वजन घटायें (Arhar for weight loss)

  • कई लोग अपना वजन बढ़ जाने के बाद उसे कम करने की बहुत कोशिश करते हैं परन्तु वजन कम होने का नाम ही नही लेता| ऐसे में अरहर (आढ़की) का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता हैं|

उर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं (Arhar for energy and immunity)

  • बच्चे खान पान में चयन करते समय जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड का चयन करते हैं| ऐसे में पर्याप्त मात्रा में उर्जा और रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए अरहर (आढ़की) एक अच्छा साधन हैं|

मधुमेह में (Arhar for diabetes)

  • मधुमेह रोग की समाप्ति के लिए अरहर (आढ़की) का प्रयोग आपके लिए काफी अच्छा और फायदेमंद साबित हो सकता हैं|

केंसर से बचाव करें (Arhar for cancer)

  • आढ़की का सेवन केंसर से बचाव के साथ ही उसके लक्षणों को कम करने में भी मददगार होती हैं|

अधिक पसीने की समस्या में अरहर

  • यदि आप भी अधिक पसीने से तथा उससे आने वाली दुर्गन्ध से परेशान हैं तो आढ़की का सेवन तथा लेप लगाने से इससे निजात पाया जा सकता हैं|

बवासीर में (Arhar for piles)

  • अर्श या बवासीर मेंआढ़की के पत्तों तथा दाल का सेवन काफी लाभदायक होता हैं|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Arhar)

  • पत्ती
  • बीज

सेवन मात्रा (Dosages of Arhar)

  • जूस – चिकित्सक के अनुसार
  • चूर्ण -चिकित्सक के अनुसार