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करेला (Karela): आयुर्वेद के इस कडवे अमृत से होगा मधुमेह जैसे 22 रोगों का इलाज (Benefits and Usag)

करेला का परिचय (Introduction of Karela)

Table of Contents

करेला क्या है? (What is Karela?)

एक ऐसा शब्द हैं “करेला” जिससे मुझे आपको परिचित कराने की जरुरत नही हैं| हम सब जानते हैं कि करेला कड़वा होता हैं लेकिन क्या आप इससे होने वाले आश्चर्यजनक फायदों के बारे में भी जानते हैं? हम बस इसकी कड़वाहट के कारण ही इसे पसंद नही करते, परन्तु यही कड़वाहट हमारे जीवन में रोगों को समाप्त कर मिठास भरने का कार्य भली भांति पूरा कर सकती हैं|

पूरे भारत में इसकी खेती की जाती हैं| कई लोग शायद यह भी जानते हो कि करेला मधुमेह रोग में अच्छा होता हैं परन्तु यह तो बहुत सी बिमारियों को खत्म करता हैं| तो आइए जानते हैं एक साधारण सी सब्जी को किस प्रकार एक औषधि के रूप में काम में लिया जा सकता हैं||

करेले पाए जाने वाले रासायनिक तत्व (Karela ke poshak tatva)

  • कैल्शियम
  • विटामिन
  • राइबोफ्लेविन
  • एस्कार्बिक अम्ल
  • थाईमीन
  • ओक्टाकोसेन
  • स्टिग्मास्टेरोल
  • कुकुरबिटीन
  • स्टीयरिक अम्ल
  • पैराफिन
  • सायमीन
  • लेफिनोल
  • हेक्सडेकनोल आदि|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Karela ki akriti)

करेला लताओं पर लगा होता हैं| इसको स्पर्श करने पर समतल की बजाय खुरदरापन महसूस होता हैं| इसका आकार कोणीय होता हैं| करेला के पत्ते का आकर गोल होता हैं तथा रंग पीला होता हैं| इसके उभार कोमलता लिए होते हैं| करेले का हरा रंग इनकी कच्ची अवस्था तथा पीला रंग इनकी पकी हुई अवस्था को दर्शाता हैं| इसके बीज 10 से 13 cm तक लम्बे हो सकते हैं| इसके फूल और फल दोनों जून से अक्टूबर के बीच होते हैं|

करेला के सामान्य नाम (Karela common names) Herbal Arcade
करेला के सामान्य नाम (Karela common names) Herbal Arcade

करेला के सामान्य नाम (Karela common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Momordica charanita
अंग्रेजी (English)Bitter squash, Balsam pear, Wild cucumber
हिंदी (Hindi)करेला, करैला, कराइला, करेली
संस्कृत (Sanskrit)कारेवेल्ली, वारिवल्ली, बृहद्वल्ली, पीतफला, पीतपुष्पा, सुक्ष्मवल्ली, कंटफला, अम्बुफलिका
अन्य (Other)करेला (उर्दू), करेना (उड़िया), हगलाकायी (कन्नड़), काकरा (तेलुगु)
कुल (Family)Cucurbitaceae

करेले के आयुर्वेदिक गुणधर्म (Karela ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफपित्तशामक (pacifies cough and pitta)
रस (Taste)तिक्त (bitter), कटु (pungent)
गुण (Qualities) लघु (light), रुक्ष (dry)
वीर्य (Potency)उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)दीपन, भेदन, पाचन, दाहप्रशमन
Ayurvedic properties of karela Herbal Arcade
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करेला के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Karela ke fayde or upyog)

जलन में करेला

  • यदि आपके शरीर में गर्मी या जलन का बहुत अधिक अहसास होता हैं तो करेला के पत्तो के रस का पैर के तलुए पर लेप करना चाहिए| यह आपके शरीर को ठंडक देगा|

निमोनिया में करेला

  • यदि आप भी इस रोग से मुक्ति पाना चाहते हैं तो करेले के पत्तो के रस को हल्का गर्म कर के उसमे केसर मिला दें| इस रस तो दिन में तीन समय पीना चाहिए इससे विशेष लाभ मिलता हैं|

त्वचा रोगों में (Karela for skin disease)

  • दाद से ग्रसित लोगो को प्रभावित स्थान पर करेले के पत्तो का रस लगाने से लाभ मिलता हैं|
  • त्वचा रोगों में दाद और खुजली को मिटाने के लिए करेले के पांचो भागो को दालचीनी, पीपर, चावल और जंगली बादाम के तेल में मिला कर प्रभावित स्थान पर लगाना चाहिए|
  • करेले की जड़ का उबटन बना कर लगाने से फुन्सिया मिटती हैं|
  • करेले के पत्तो के रस में कुछ मात्रा में हल्दी मिलाकर इसका सेवन सुबह, दोपहर और शाम को करने से खसरा, चेचक, फोड़े जैसे त्वचा रोगों में लाभ मिलता हैं|

गठिया रोग में

  • करेले के काढ़े और कल्क द्वारा बनाये गए घी का सेवन यदि गठिया रोग में किया जाता हैं तो इस रोग में लाभ मिलता हैं|
  • कच्चे करेले के रस को गर्म करके प्रभावित स्थान पर लेप करने से गठिया में लाभ मिलता हैं|

स्तन्य (दूध) में वृद्धि

  • करेले के पत्तो को उबालकर उनका रस पीने से प्रसूता स्त्री के स्तन्य (दूध) में वृद्धि होती हैं और इसके साथ ही रक्त का भी शुद्धीकरण होता हैं|

वीर्य विकार में (Karela for semen disease)

  • करेले के पत्तो और फलो के रस को गाढ़ा पका कर इनकी गोलियां बना लें| गोलियों का सेवन करने से पहले दूध का सेवन करें| इसके बाद थोड़े से मधु का सेवन कर लें| इससे वीर्य की वृद्धि तथा गुणवत्ता अच्छी होती हैं|

पथरी में (Karela for calculus)

  • करेले के ताजा पत्तो के रस की आधी मात्रा में दही मिलाकर इसका सेवन करें| इसके बाद ऊपर से छाछ का सेवन कर लें| पहले तीन दिन इसे पिलाकर बंद करें, फिर चार दिन और फिर पांच दिन बाद इसका सेवन करा कर बंद कर दें| इसके सेवन काल में केवल दलिए और खिचड़ी का ही सेवन कराये|

मधुमेह में (Karela for diabetes)

  • मधुमेह रोग में करेले और आंवले के रस का बराबर मात्रा में कुछ महीनों तक सेवन करने से इसमें अप्रतिम लाभ मिलता हैं|

पीलिया में (Karela for jaundice)

  • 8 से 17 ml करेले के पत्तो के रस में बड़ी हरड घिसकर पीने से पीलिया या कामला रोग दूर होता हैं|

हैजा या विसूचिका में करेला

  • करेले के पत्तो के रस का सेवन यदि तेल के साथ किया जाता हैं तो इससे हैजा रोग में लाभ होता हैं|

पेट के कीड़ो का शमन करे (Karela for stomach bugs)

  • करेले के बीजो का सेवन करने से पेट के कीड़ो का शमन होता हैं|
  • छोटे बच्चो के पेट का शुद्धिकरण करने के लिए इसके पत्तो के रस में हरिद्रा चूर्ण मिलाकर सेवन करने से उल्टी होती हैं जिससे पेट का शुद्धिकरण हो जाता हैं|

जलोदर में

  • यदि करेले के पत्तो के रस में शहद के साथ लिया जाता हैं तो इससे जलोदर में लाभ मिलता हैं|

गले के रोग में करेला

  • करेले को सुखा कर इसे सिरके के साथ अच्छे से पीस कर हल्का गर्म लेप करने से सूजन में आराम मिलता हैं|

मुंह के छालों में (Karela for mouth ulcers)

  • इसके रस में सुहागा की खील मिलाकर लगाने से मुंह के छालों में आराम मिलता हैं|

अस्थमा में (Karela for asthma)

  • अस्थमा में यदि करेले की जड़ का पेस्ट बना कर उसमे तुलसी का रस डाल कर सेवन किया जाता है तो इससे रोगी को राहत मिलती है| इसके अलावा जुखाम और गला बैठने की समस्या में भी लाभ मिलता है|

खूनी बवासीर में करेला

  • करेले की जड़ से निर्मित काढ़े में शक्कर मिला कर उसे दिन में दो बार सुबह और शाम लेने से खूनी बवासीर समाप्त होती है|

बादी बवासीर में करेला

  • करेले की जड़ का लेप यदि मस्सों पर लगाया जाता है तो इससे बादी बवासीर में काफी लाभ मिलता है|

शीतज्वर में करेला का उपयोग

  • करेले के रस और जीरे का चूर्ण बना उन्हें एक दूसरे में मिश्रित कर के सुबह, दोपहर और शाम को पीने से शीतज्वर में लाभ मिलता है|

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार (Karela for increase immunity)

  • इसका सेवन आपकी रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने में काफी हद तक सहायता करता है| इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारी रोगों से रक्षा करते है|

पाचन तंत्र को मजबूत बनाये (Karela for digestion system)

  • करेले का सेवन करने से पाचन तंत्र से जुडी कई बीमारियाँ समाप्त होती है तथा इसी के कारण हमारा पाचन तंत्र काफी मजबूत बना रहता है|

मोटापा घटाने में (Karela for obestity)

  • करेले के रस में नीम्बू मिला कर रोज़ सुबह पीने से मोटापा कम होने लगता है|

रात्री के समय कम दिखाई देने पर करेला

  • करेले के रस में यदि पीसी हुई काली मिर्च डाल कर आँखों के बाहर की ओर चारों तरफ लगाते है  तो इससे रतोंधी रोग का शमन होता है| इस रोग मे रात के समय दिखाई नही देता है| इसमें बीटा-कैरोटिन होता है जो आँखों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है|

ह्रदय रोग में (Karela for heart disease)

  • करेले में पाए जाने वाले तत्व हार्ट अटैक को रोकने में मददगार होते है| इसी के कारण और भी होने वाले ह्रदय रोग टल जाते है|

कैंसर के लिए करेला (Karela for cancer)

  • कैंसर रोगियों के लिए इसका सेवन बहुत लाभकारी सिद्ध होता है| इसका सेवन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाता है जिसके कारण कैंसर का प्रभाव भी कम होने लगता है|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Karela)

  • जड़
  • पत्ती
  • फल
  • पंचांग

सेवन मात्रा (Dosages of Karela)

  • जूस – 5 से 15 ml
  • चूर्ण -3 से 5 ग्राम

सावधानियाँ– (Precautions of Karela)

  • इसका उपयोग वैद्यकी या चिकित्सा परामर्श अनुसार ही करना चाहिए|
  • अधिक मात्रा में लेने पर दस्त और पेट दर्द हो सकता हैं|
  • जिनके शरीर में शर्करा की कमी हो उन्हें इसका सेवन नही करना चाहिए|
  • लगातार इसका प्रयोग नही करना चाहिए|

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