Divya Vrikkdoshhar vati ke fayde Herbal Arcade
औषधी दर्शन

दिव्य वृक्कदोषहर वटी (Divya Vrikkdoshhar vati)

 दिव्य वृक्कदोषहर वटी का परिचय (Introduction of Divya Vrikkdoshhar vati)

 दिव्य वृक्कदोषहर वटी क्या है ? (Divya Vrikkdoshhar vati kya hai?)

वृक्क दोष यानि कीडनी की हर समस्या को दूर करने वाली औषधि है  दिव्य वृक्कदोषहर वटी | जब गुर्दे में पथरी हो गई तब आप इस औषधि का प्रयोग कर सकते है और आको इस पथरी के दर्द से छुटकारा जल्दी से मिल जायेगा| यदि आपको मूत्र रोग हो, कीडनी में रक्तचाप की समस्या और दोष को भी दूर करती है| साथ ही आपके हार्मोन को संतुलित बनाये रखने में मदद करता है |और कीडनी में  रक्त के प्रवाह में भी सहायक होता है|

कीडनी हमारे शारीर का ऐसा तन्त्र है जिसके करण शरीर की गंदगी बाहर निकालती है और हमारे शरीर को भी शुद्ध रखने में महत्चपूर्ण कार्य करती है| यह मुख्य रूप से किडनी से जुडी या वृक्क से जुडी समस्या को खत्म करती है इसी कारण इसे दिव्य वृक्कदोषहर वटी कहा गया है| यदि आप भी किसी प्रकार की किडनी से जुडी समस्या से ग्रसित या परेशान है तो इसका सेवन कर सकते है| आइये आपको परिचित कराते है इसके अन्य गुणों से|

दिव्य वृक्कदोषहर वटी के घटक (Divya Vrikkdoshhar vati ke gatak)

  • ढाक
  •  पित्तपापड़ा
  •  पुनर्नवा
  •  पाषाणभेद
  •  वरुण
  •  कुलथी
  •  अपामार्ग
  •  कासनी
  • पीपल
  •  नीम
  •  मकोय
  •  गोखरू छोटा
  •  धमासा
  • कुश
  •  कास
  •  धान
  •  सरकंडा
  •  ईख
  •  गिलोय
  •  ऊटकटारा
  •  अरनी
  • अमलतास
  •  बला
  •  शतावर
  •  विदारी
  •  कटेरी छोटी
  •  कटेरी बड़ी
  •  जौ
  •  कुटकी
  • गोंद
Vrikkdoshhar vati contents Herbal Aracde
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दिव्य वृक्कदोषहर वटी के फायदे (Divya Vrikkdoshhar vati ke fayde)

कीडनी में उपयोगी  (Divya Vrikkdoshhar vati for kidney)

कीडनी हमारे  शरीर का एक  ऐसा तन्त्र है जिसके द्वारा हमारे शरीर की सब गंदगी बाहर निकलती है| हमारे शरीर में दो कीडनी होती है| यदि दोनों  ही खराब हो जाये तो व्यक्ति अपना जीवन नही जी सकता है| इसके खराब होने से हमारा शरीर बहुत दर्द करता है और साथ ही पेट का पूरा हिसा दर्द करने लगता है  तथा बार बार मल जाने की इच्छा होती है|

मन किसी में भी नही लगता है और आपकी आँखों  के नीचे  की त्वचा काली होने लगती है|  कीडनी का सबसे अधिक दर्द पथरी के करण होता है |  यह  दर्द पीठ के एक तरफ या दोनों तरफ होता है तथा लक्षण में पेशाब का रुक रुक के आना, बुखार आना, पेशाब करते समय जलन होना आदि होते है| इन लक्षणों से छुटकारा पाने ले लिए इस दिव्य वृक्कदोषहरवटी का प्रयोग किया जाता है|

मूत्र रोग में उपयोगी (Divya Vrikkdoshhar vati for urinary disease)

ये रोग किसी भी व्यक्ति में होने वाला रोग है| जैसे बच्चो ,बुजुर्गो, महिलाओ आदि में| ये रोग अधिकतर महिलाओ में  देखने को मिलता है| और बच्चो में भी अधिक होता है|

ये रोग अधिकतर कीडनी के खराब होने के कारण होता है| मूत्राशय में जलन का करण हमारे खान पान की वजह से होता है| इन सब रोगो से छुटकारा पाने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है|  

रक्तचाप में उपयोग  (Divya Vrikkdoshhar vati for blood pressure)

इस रोग के कारण कई लोगों की मृत्यु भी हो जाती है| इस रोग का सबसे बड़ा कारण  लोगों के दिमाग में कई तरह की अनेक प्रकार बाते या किसी बात का तनाव अथवा अनुचित खान पान होता जिसके चलते रक्तचाप बढ़ जाता है और व्यक्ति चिडचिडा हो जाता है| नाक में खून आना, नींद नही आना, थोडा सा चलने पर थकान महसूस होना, अधिक सिर दर्द होना, साँस लेने में तकलीफ आदि उच्च रक्तचाप के लक्षणों से दूर जाने के लिए इस औषधि का उपयोग किया जाता है|

दिव्य वृक्कदोषहर वटी के अन्य फायदे (Other benefits of Divya Vrikkdoshhar vati)

  • रक्त को साफ करती है|
  • पेट दर्द में
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दिव्य वृक्कदोषहर वटी की सेवन विधि (Divya Vrikkdoshhar vati ki sevan vidhi)

  • आप इस औषधि की एक या दो गोली  रोज खाना खाने के बाद  पानी  के साथ ले सकते  है |

 दिव्य वृक्कदोषहर वटी की सावधानियाँ  (Divya Vrikkdoshhar vati ke sevan ki savdhaniya)

  • यदि आप इस औषधि को ले रह हो तो मीठे खाने का कम उपयोग करे|
  • यदि आप किसी रोग की पहले से चिकित्सा ले रहे है तो अपने चिकित्सक को जरुर बतावे|
  • गर्भवती महिला और स्तनपान कराने वाली महिला को इसके सेवन से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए
  • इस औषधि का अधिक सेवन ना करे |

दिव्य वृक्कदोषहर वटी की उपलब्धता (Divya Vrikkdoshhar vati ki uplabdhta)

  • दिव्य फार्मसी