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औषधी दर्शन

जीरकाध्यारिष्ट: 12 ऐसे कमाल, रसोई घर के जीरे के, कोई भी जान कर रह जायेगा हैरान!

जीरकाध्यारिष्ट का परिचय: फायदें, सेवन (Jeerkadyarishta: benefit, dose)

Table of Contents

जीरकाध्यारिष्ट क्या होता हैं ?? (What is Jeerkadyarishta?)

जीरकाध्यारिष्ट एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं जो कि अरिष्ट विधि द्वारा बनायीं जाती हैं | इस औषधि का मुख्य घटक जीरा होता हैं जो सामान्यत हर घर की रसोई में पाया जाता हैं | इस औषधि में जीरे के साथ साथ कई महत्वपूर्ण घटक भी मिलाये जाते हैं |

इस औषधि का सेवन उन लोगो को करना चाहिए जिन्हें सही समय पर भूख न लगे| अपच की समस्या हो या पेट भारी भारी रहता हैं| गैस बनती हैं या किसी भी कारण चिडचिडापन हो तो इस औषधि का उपयोग किया जाना चाहिए | यह औषधि त्वचा के रोगों का भी विनाश करता हैं| यह औषधि फोड़े और फुंसी, मुंह के छाले आदि समस्याओ में काम आती हैं| मुख्य रूप से यह औषधि प्रसव के पश्चात गर्भाशय को शुद्ध करने के काम आती हैं | जीरकाध्यारिष्ट औषधि का उपयोग स्त्री और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं |

जीरकाध्यारिष्ट के घटक द्रव्य (Contents of Jeerkadyarishta)

1) सफ़ेद जीरा
2) पानी
3) गुड
4) धातकी के पुष्प
5) सोंठ
6) जातिफल
7) नागरमोथा
8) दालचीनी
9) छोटी इलायची
10) तेजपत्ता
11) नागकेसर
12) यवनी
13) काकोल
14) देव्पुष्पा

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जीरकाध्यारिष्ट बनाने की विधि (How to make Jeerkadyarishta)

यह औषधि अरिष्ट विधि द्वारा बनायीं जाती हैं | इसे बनाने के लिए सर्वप्रथम जीरे का क्वाथ बनाना होगा | इसके लिए उचित मात्रा में पानी और जीरा डाल कर मंद आंच पर क्वाथ बनने के लिए छोड़ दिया जाता हैं| जीरे का क्वाथ बनाने समय बर्तन के उपर ढक्कन लगना चाहिए| जब तक डाले गये पानी का चौथाई हिस्सा शेष न रह जाये तब तक इसे आंच से नीचे न उतारे| एक चौथाई हिस्सा शेष रह जाने के बाद इसे नीचे उतार कर ठंडा कर लीजिये| और किसी मिट्टी या चीनी का बर्तन लेकर मिश्रण को बर्तन में डाले|

देव्पुष्पा, काकोल, यवनी, नागकेसर, तेजपत्ता, छोटी इलायची, दाल चीनी, नागरमोथा,जातिफल, सोंठ , धातकी के फूल और गुड को अच्छी तरह कूट कर मिश्रण में डाले| अब इसे किसी सुरक्षित स्थान पर एक महीने के लिए छोड़ दे | लगभग एक महीने के बाद यह औषधि तैयार हो जाती हैं| एक महीने बाद इसका सेवन किया जा सकता हैं| यह औषधि फायदा करने के साथ साथ किसी नही प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं डालती हैं |

जीरकाध्यारिष्ट औषधि का सेवन करने से होने वाले फायदे: (Benefits of Jeerkadyarishta)

1)जीरकाध्यारिष्ट तेज बुखार को रोकने में असरदार

आज कल के खान पीन के कारण व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही हैं| रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने के कारण कई बिमारिया हमारे शरीर में जन्म ले लेती हैं| उनमे से बुखार एक आम बीमारी हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर आसानी से किसी भी व्यक्ति घेर सकती हैं |

जीरकाध्यारिष्ट औषधि के सेवन से यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती हैं जिससे बुखार और अन्य बिमारियां मनुष्य को घेर नही सकती हैं | इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति को बुखार या तेज बुखार हो तो यह औषधि बुखार को खत्म करके उससे हो रही हानि की भरपाई करने में भी सहायक होती हैं| इस लिए बुखार की किसी भी परिस्तिथी में जीरकाध्यारिष्ट औषधि का उपयोग सर्वोत्तम होता हैं |

जीरकाध्यारिष्ट के फायदे herbal arcade
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2) प्रसव के पश्चात की कमजोरी में अत्यधिक फायदेमंद औषधि

यह औषधि प्रसव के पश्चात आई कमजोरी की भरपाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| यदि कोई स्त्री प्रसव के पश्चात इस औषधि का सेवन करती हैं तो प्रसव के दौरान आई खून की कमी को यह औषधि जल्द ही खत्म कर देती हैं और हिमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ा देती हैं जिससे अन्य रोग जन्म नही ले पाते| खून की कमी से थकान, कमजोरी और सांस फूलना जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं| ये सारी बीमारियाँ आगे चल के बड़ी परेशानी में बदल सकती हैं|

3) शरीर में उपस्थित आम विष को खत्म करने हेतु

यह औषधि शरीर में उपस्थित आम विष को समाप्त कर मनुष्य को एक नई ऊर्जा और एक नया स्वास्थ्य प्रदान करती हैं| शरीर में उपस्थित आम विष वायरस और बेक्टेरिया के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं जिनका निवारण ना होने पर यह शरीर में विषाक्त पदार्थो का निर्माण करने लगते हैं जिससे शरीर में आम विष का निर्माण होता हैं|

शरीर में आम विष होने के कारण हर समय बैचेनी, घबराहट रहने लगती हैं या अतिसार रोग भी हो सकता हैं| इस स्तिथि में जीरकाध्यारिष्ट का सेवन करने से शरीर में उपस्थित आम विष बाहर आ जाता हैं और व्यक्ति स्वस्थ महसूस करने लगता हैं|

4) जीरकाध्यारिष्ट जिह्वा के फटने और मुंह के छालो को मिटाने में सहायक

यह औषधि मुंह के छालो को मिटाने में सहायक होती हैं| मुंह में छाले पेट में एसिडिटी या अन्य किसी भी कारणवश हो सकते हैं | जिह्वा के फटने का कारण अधिक खट्टा खाने या मदिरा का अत्यधिक सेवन करने के कारण हो सकते हैं| यह औषधि दोनों हो परिस्थितियों में सहायक सिद्ध होती हैं| यदि व्यक्ति को ऐसी कोई भी समस्या हो तो उसे जीरकाध्यारिष्ट का सेवन लाभ होता हैं|

5) संग्रहणी रोग में लाभदायक औषधि

यह औषधि संग्रहणी रोग की उत्तम औषधि होती हैं| संग्रहणी रोग में शुरुआत में रोगी को पतला मल त्याग करना पड़ता हैं| धीरे धीरे यह रोग बढ़ने पर रोगी को सांय काल के भोजन के तुरंत बाद भी मल त्यागने जाना पड़ता हैं| इस औषधि का सेवन करने से यह संग्रहणी रोग को दूर कर उससे होने वाली हानि की भरपाई करने में भी अत्यधिक सहायक होती हैं|

6) भूख बढाने में फायदेमंद औषधि

गलत खान पान और असमय खान पान के कारण या कोई रोग होने के कारण कभी कभी व्यक्ति को कम भूख या न के बराबर भूख लगती हैं| जिससे व्यक्ति का शरीर कमजोर होता जाता हैं| जीरकाध्यारिष्ट औषधि का सेवन करने से मनुष्य को न के बराबर लग रही भूख को सही मात्रा में भूख लगने लगती जिससे व्यक्ति एक दम स्वस्थ और शरीर पुष्ट बना रहता हैं| जब व्यक्ति सही मात्रा में खान खायेगा तो व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के कामो में थकान और कमजोरी जैसी शिकायते होना बंद हो जाएगी|

7) रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक

आज कल के खान पीन और अत्यधिक प्रदूषित मात्रा में वायु और जल के कारण दिन दिन व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती जा रही हैं| इससे मनुष्य को बहुत जल्दी छोटे से छोटा रोग भी घेर लेता हैं|

इस औषधि के उपयोग से यह हमारे शरीर के भीतर जा कर विषाक्त पदार्थो को खत्म कर मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने का कार्य बहुत ही आसानी से और बहुत ही जल्द कर देती हैं| जिससे मनुष्य के बीमार होने कारण बहुत ही कम या ख़तम हो जाते हैं इसलिए यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो तो उसे इस औषधि का सेवन करना चाहिए|

8) शारीरिक दर्द और मानसिक तनाव से छुटकारा

यह औषधि किसी भी कारण हो रहे शारीरक दर्द और मानसिक तनाव दोनों ही स्थितियों में फायदेमंद होता हैं| इस औषधि में उपस्थित महत्वपूर्ण तत्व उपस्थित होते हैं जो हमारे शरीर में आई कमजोरी और शारीरिक दर्द दोनों को ही बिना किसी दुष्प्रभाव के खत्म कर देती हैं| इसलिए जिन व्यक्तियों को अक्सर शारीरक दर्द और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता हैं उन्हें इस औषधि का सेवन अवश्य करना चाहिए|

9) जीरकाध्यारिष्ट करे नव प्रसूता के स्तन्य में वृद्धि

किसी भी नवजात बालक को माँ के दूध के पोषण की सख्त आवश्यकता होती हैं परन्तु नव प्रसूता के शरीर में आई कमजोरी के कारण कभी कभी नवजात बच्चे को माँ अच्छी तरह से पोषण प्रदान नही कर पाती जिस कारण बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता हैं| नवजात बच्चे को कुपोषण के शिकार से बचाने के लिए नव प्रसूता को जीरकाध्यारिष्ट का सेवन करना चाहिए जिससे प्रसूता के स्तन्य दूध में वृद्धि होती हैं और बच्चे को अच्छा पोषण प्राप्त हो सकता हैं|

10) त्वचा रोगों में फायदेमंद

यह औषधि त्वचा पर हो रहे इन्फेक्शन को खत्म करती हैं| त्वचा पर खुजली, जलन आदि को भी यह औषधि खत्म कर देती हैं| हाथ पेरो में होने वाली जलन को भी यह औषधि समाप्त कर व्यक्ति को राहत पहुचाती हैं|

यह औषधि मुख्य रूप से शरीर पर हो रहे फोड़ा और फुंसी को खत्म कर देती हैं| इन सारी समसयाओ का समाधान जीरकाध्यारिष्ट हैं| इसका उपयोग करने से त्वचा सम्बन्धी साड़ी समस्याए ख़तम हो जाती हैं| यह औषधि सीने में होने वाली जलन को भी कम कर देती हैं जिससे रोगी को तुरंत आराम मिल जाता हैं|

11) पाचन तंत्र को मजबूत करे

कोई भी व्यक्ति इस औषधि के सेवन माध्यम से अपना पाचन तंत्र मजबूत कर सकता हैं| कमजोर पाचन तंत्र के कारण हुई अपच, गैस ,अतिसार आदि जैसी बीमारियों का नाश कर के पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं| पाचन तंत्र में मंद पड़ी पाचक अग्नि को तीव्र करने के लिए भी यह औषधि काफी फायदेमंद साबित हुई हैं|

पाचक अग्नि के तीव्र होने से भोजन का पाचन अच्छी और जल्दी तरह से हो जाता हैं जिससे पाचन सम्बंधित कोई भी परेशानी नही आ सकती हैं| यदि मनुष्य का पाचन तंत्र सही हो तो मनुष्य पूरी तरह स्वस्थ महसूस करने लगता है| पाचन तंत्र के सही से कार्य करने से एक स्वस्थ और पुष्ट शरीर का निर्माण होता हैं|

12) महिलाओ के टॉनिक से जानी जाने वाली सर्वोत्तम औषधि

इस औषधि को महिलाओ के सबसे उत्तम टॉनिक के रूप जाना जाता हैं| यह औषधि महिलाओ और पुरुषो दोनों पर ही कार्य करती हैं परन्तु नवप्रसूता की कमजोरी मिटाने और इस औषधि के कारण बच्चे को सही पोषण मिल पाने के कारण इसे महिलाओ के टॉनिक की उत्तम औषधि कहा जाता हैं|

जीरकाध्यारिष्ट औषधि की सेवन विधि और मात्रा (Doses of Jeerkadyarishta)

          आयु        मात्रा
5 वर्ष से ऊपर की आयु के बच्चे को5 मिलीलीटर
व्यस्क व्यक्तियों के लिए10 से 20 मिलीलीटर
औषधि का सेवन दिन में कितनी बार करेदिन में दो बार
सेवन का उचित समयसुबह और शाम खाने के बाद
औषधि का सेवन किसके साथ करेगिन्गुने जल के साथ
औषधि की सेवन अवधिचिकित्सक के अनुसार

जीरकाध्यारिष्ट औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियां (Precautions of Jeerkadyarishta)

  1. इस औषधि का सेवन गर्भावस्था के दौरान करने से बचना चाहिए|
  2. इस औषधि में गुड़ होने के कारण मधुमेह के रोगी इसके सेवन से बचे|
  3. 5 वर्ष से छोटे बच्चो को इसका सेवन नही करायें|
  4. इस औषधि की सेवन अवधि के मध्य एल्कोहल का सेवन नही करे और खटाई,अधिक तली हुई चीज़े और फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करने से बचे|
  5. औषधि को अत्यधिक मात्रा में नही लेनी चाहिए|
  6. इस औषधि का सेवन जल के साथ ही करना चाहिए|

जीरकाध्यारिष्ट औषधि की उपलब्धता (Availability of Jeerkadyarishta)

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