lodhrasava benefits
Medicinal philosophy

Lodhrasava: Eliminate 13 different diseases with just this one medicine

लोध्रासव का परिचय (Introduction of Lodhrasava: benefits, doses)

Table of Contents

लोध्रासव क्या होता हैं?? (What is Lodhrasava?)

it एक आयुर्वेदिक औषधि होती हैं जिसका मुख्य घटक लोध्र होता हैं| यह औषधि मुख्य रूप से महिलाओ के गर्भाशय से सम्बंधित समस्याओ को दूर करने में मदद करती हैं| लोध्रासव औषधि का निर्माण पूर्ण रूप से प्राकृतिक विधि द्वारा किया जाता हैं| मूत्र सम्बंधित रोगों में भी यह औषधि काफी फायदेमंद होती हैं| अत्यधिक वजन को घटाने के लिए भी यह औषधि उपयोग में ली जती हैं|

it महिलाओ में हो रही रक्त प्रदर की समस्या से भी छुटकारा दिलाती हैं| इसके अतिरिक्त चोट के कारण हो रहे रक्त प्रवाह को रोकने में यह औषधि सहायक मानी जाती हैं| लोध्रासव औषिधि दैनिक जीवन में आने वाली कमजोरी, थकान, और रक्त की कमी को भी पूरा करती हैं| विटामिन और केल्शियम के साथ साथ इसमें रोगाणुरोधी के गुण भी पाए जाते हैं|

लोध्रासव औषधि के घटक द्रव्य (Contents of Lodhrasava)

  1. पठानी लोध्र
  2. Kachur
  3. पुष्करमूल
  4. Small cardamom
  5. मुरवा
  6. Oregano
  7. Harad
  8. Vayvidang
  9. Gooseberry
  10. behada
  11. Chevy
  12. Atis
  13. text
  14. Litter bark
  15. नख
  16. Priyangu
  17. चिकनी सुपारी
  18. gnat
  19. Nagarmotha
  20. Nagkesar
  21. पीपला मूल
  22. इंद्र वारुणी की मूल
  23. absinthe
  24. Bharangi
  25. Tagar
  26. Chitrakmul
  27. dog
  28. इंद्र जौ
  29. bay leaf
  30. black pepper
  31. Honey
Lodhrasava contents herbal arcade
Lodhrasava contents herbal arcade
Lodhrasava contents herbal arcade
Lodhrasava contents herbal arcade

लोध्रासव औषधि बनाने की विधि (How to make Lodhrasava)

इस औषधि का निर्माण करने के लिए सबसे पहले हमे पठानी लोध, कचूर, पुष्करमूल, छोटी इलायची, मुरवा, अजवायन, हरड, वायविडंग, आमला, बहेड़ा, चव्य, अतीस, पाठा, कूड़े की छाल, नख, प्रियंगु, चिकनी सुपारी, कुटकी, नागरमोथा, नागकेसर, पीपला मूल, इंद्रवारुणी का मूल, चिरायता, भारंगी, तगर, चित्रकमूल, कूठ, इन्द्रजो, तेजपात, कालीमिर्च इन साड़ी औषधियों का काढ़ा बनाना होगा| काढ़ा बनाने से पहले इन्हें थोडा मोटा कूट लिया जाता हैं|

इन सारी औषधियों का काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले उचित मात्रा में किसी बड़े बर्तन में जल लेकर इन सारी औषधियों को उस जल में डाल दे और धीमी आंच पर इसे पकाए| जब डाले गये जल का चौथाई हिस्सा शेष रह जाये तो इसे नीचे उतार कर ठंडा कर ले| ठंडा होने के बाद इस काढ़े में शहद डाल कर इस को किसी सुरक्षित स्थान पर सुरक्षा के साथ 30 से 45 दिन तक रखा रहने दें| तैयार हो चुकी औषधि लोध्रासव औषधि हैं| अब इसका सेवन किया जा सकता हैं |

लोध्रासव औषधि के उपयोग और फायदें (Benefits of Lodhrasava)

लोध्रासव लीवर रोग में

यह औषधि लीवर से जुड़े हर रोग का समाधान करती हैं| यदि छोटी सी चोट लगने पर भी आपका बहुत खून बह जाता हैं तो यह आपके ख़राब लीवर के कारण हो सकता हैं| लीवर में खून जमाने वाला प्रोटीन बनता हैं| जब लीवर के ख़राब होने के कारण लीवर यह प्रोटीन नही बना पता तो छोटी सी चोट लगने पर भी खून नही रुकता या देर से रुकता हैं| इस समस्या के अतिरिक्त जब लीवर में वसा की मात्रा ज्यादा हो जाती हैं तो भी यह आपके लीवर के लिए खतरनाक हो सकती है|

लीवर की सूजन जिसे हेपेटाइटिस कहा जाता हैं, जैसी जानलेवा बीमारी को भी यह औषधि जड़ से खत्म कर देती हैं| लीवर से जुडी हुई कोई भी समस्या लोध्रासव औषधि की सहायता से आराम मिलता हैं | यदि अधिक शराब पीने और अधिक धुम्रपान के कारण आपके लीवर में घाव हो चुके हैं तो यह औषधि उन घावो पर भी सकारात्मक रूप से असर करेगी| यदि कुछ शब्दों में कहें तो यह औषधि आपके लीवर के लिए सबसे उपयुक्त औषधि हैं|

मूत्र रोगों को समाप्त करें

इस औषधि का सेवन करके मूत्र से सम्बंधित कोई भी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं| यदि मूत्र मार्ग में किसी प्रकार का संक्रमण हो जिसके कारण जलन हो रही हो तो इस समस्या का समाधान लोध्रासव औषधि करती हैं| यदि मूत्र त्याग करते समय मूत्र रुक रुक कर या बार बार मूत्र त्यागना पड़े इन सारी तकलीफों को दूर करने के लिए भी लोध्रासव एक फायदेमंद औषधि होती हैं| यह औषधि मूत्राशय के कई रोगों का समाधान करती हैं|

गर्भाशय विषहरक

यदि किसी महिला को गर्भ का ठहराव नही हो रहा हो या बार बार गर्भपात जैसी गंभीर समस्या आ रही हो तो उन सभी महिलाओ को लोध्रासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए| यह औषधि स्त्री के गर्भाशय से सारे विषाक्त पदार्थो को बाहर निकलती हैं जिससे उन्हें बांझपन जैसी तकलीफों से छुटकारा मिल सकता हैं| यदि कोई भी स्त्री गर्भाशय की किसी भी प्रकार की समस्या से झूझ रही हो तो उन्हें पूर्ण रूप से इस औषधि का सेवन करना चाहिए|

लोध्रासव रक्त प्रदर की समस्याओ का आसन उपाय

यह औषधि महिलाओ में हो रही किसी भी प्रकार की प्रदर की समस्या को खत्म करती हैं| महिलाओ में मासिक धर्म के दौरान होने वाले अत्यधिक रक्त प्रवाह को यह औषधि संतुलित करती हैं| मासिक धर्म के समय कभी कभी बहुत तेज पीड़ा और अत्यधिक वेग से रक्त का प्रवाह होता हैं इस स्थिति को मेनोरेजिया कहा जाता हैं| यह औषधि इस स्थिति में बहुत उपयुक्त होती हैं| इसके उपयोग से महिलाओ में होने वाली श्वेत प्रदर की समस्या भी खत्म हो जाती हैं| श्वेत प्रदर की समस्या को ल्यूकोरिया भी कहा जाता हैं|

जब शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती हैं तो रोग महिलाओ में श्वेत प्रदर जैसी समस्या आती हैं| इस प्रकार की किसी भी समस्या से ग्रसित महिला को लोध्रासव औषधि का उपयोग करना चाहिए|

रक्त का शुद्धीकरण करे

विभिन्न कारणों से हमारे रक्त में कई प्रकार के बेक्टेरिया और वायरस जैसे विषाक्त पदार्थ घुल जाते हैं जिनके कारण हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं और विभिन्न तरह के रोग हमे घेर लेते हैं| रक्त से इन सारे विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने के लिए लोध्रासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए| यह औषधि शरीर में जा कर रक्त को शुद्ध करती हैं जिससे कोई भी बीमारी हमे आसानी से घेर नही पाती हैं|

एनीमिया में फायदेमंद

रक्त की कमी जब हमारे शरीर में हो जाती हैं तो इसे एनीमिया के नाम से जाना जाता हैं| इस औषधि के सेवन माध्यम से शरीर में आई हुई रक्त की कमी खत्म हो जाती हैं| यह समस्या शरीर में हिमोग्लोबिन के कम स्तर या हिमोग्लोबिन के ख़राब कण के कारण होती हैं| हिमोग्लोबिन की कमी होने पर शरीर के हिस्सों में सही प्रकार से ऑक्सीजन नही पंहुचा पाती हैं जिस कारण अन्य बीमारियाँ जन्म ले लेती हैं| अतः शरीर से रक्त की कमी को दूर करने के लिए लोध्रासव औषधि का प्रयोग करना चाहिए|

लोध्रासव के फायदे herbal arcade
लोध्रासव के फायदे herbal arcade

लोध्रासव पाइल्स रोग में लाभदायक

पाइल्स रोग एक अत्यंत पीड़ादायक रोग हैं| इस रोग को अर्श रोग के नाम से भी जाना जाता हैं| यह समस्या आमतौर पर अम्ल त्याग, मोटापा या गर्भावस्था के दौरान होता हैं| इस समस्या में मलाशय में जलन और सूजन या गुदा में रक्तस्त्राव और बैचैनी होती हैं | यह सारी समस्याएं इस औषधि के माध्यम से खत्म की जा सकती हैं| यह समस्या कब्ज के कारण होती हैं| इस औषधि का सेवन करने से कब्ज की समस्या खत्म होती हैं और यह औषधि पाइल्स की समस्या को भी खत्म किया जा सकता हैं |

त्वचा रोगों को समाप्त करें

यह औषधि त्वचा से सम्बंधित कई समस्याओ को खत्म करने में सहायक होता हैं| त्वचा पर हो रहे किसी भी तरह के संक्रमण को यह औषधि खत्म करती हैं| त्वचा पर जलन, त्वचा का लाल पड़ना, त्वचा पर दाने, त्वचा पर खुजली जैसी सारी तकलीफों को इस औषधि के सेवन से खत्म किया जा सकता हैं| इसके अतिरिक्त यह औषधि त्वचा को चमकदार भी बनाती हैं|

लोध्रासव मोटापा कम करने में सहायक

अत्यधिक मोटापा शरीर में एक प्रकार का विकार होता हैं| यह विकार शरीर में अधिक वसा होने के कारण होता हैं जो स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं को जन्म देता हैं| यह औषधि मोटापा कम करने में सहायक होती हैं| इस औषधि का सेवन करके आप स्वास्थ्य सम्बंधित बिमारियों को रोक सकते हैं|

थकान और कमजोरी दूर करें

यह औषधि दैनिक जीवन में आने वाली थकान और कमजोरी को खत्म करती हैं और शरीर को स्वस्थ और फुर्तीला बनाती हैं| थकान और कमजोरी के कारण हम दैनिक जीवन के काम भी सही तरह से नही कर पाते हैं जिसके कारण मानसिक तनाव और चिडचिडापन बढ़ता चला जाता हैं| इन सारी समसयाओ से राहत पाने के लिए लोध्रासव एक अच्छा उपाय हैं|

give strength to the heart

यह औषधि ह्रदय को प्रबलता देने में सहायता करती हैं| कमजोर ह्रदय कई बिमारियों को जन्म देता हैं| यह औषधि शरीर में जा कर कमजोर ह्रदय को मजबूत बनाती हैं| ह्रदय के स्वस्थ होने पर शरीर फुर्तीला और तंदरुस्त बना रहेगा

ल्यूकोडर्मा रोग को खत्म करें

ल्यूकोडर्मा रोग को विटीलगो के नाम से भी जाना जाता हैं| इस रोग में त्वचा सफ़ेद होने लगती हैं| स्थिति गंभीर होने पर यह रोग शरीर के चेहरे और जनानांगो पर भी फ़ैल जाता हैं| इस स्थिति में लोध्रासव औषधि का सेवन करने से यह रोग खत्म करने में सहायता मिलती हैं| कई बार इसका प्रभाव आँखों पर भी पड़ता हैं जिससे आँखे कमजोर हो जाती हैं|

लोध्रासव मसूरिका रोग में असरदार

यह रोग एक प्रकार का संक्रमण रोग होता हैं| इसमें सर्दी, जुखाम, बुखार के साथ साथ शरीर पर दाने और मुंह के अन्दर सफ़ेद दाने हो जाते हैं| इस रोग में फेफड़ो की गंभीर बीमारी की आशंका होती हैं| इस प्रकार के रोग से छुटकारा पाने के लिए यह औषधि एक रामबाण इलाज के रूप में कार्य करती हैं| लोध्रासव औषधि का सेवन करने से यह रोग खत्म हो सकता हैं| इस रोग को रोमांतिका या खसरा रोग भी कहा जाता हैं|

लोध्रासव औषधि के सेवन का प्रकार और मात्रा (Doses of Lodhrasava)

        age    amount
    For the kids5 to 10 ml
   For adults10 to 25 milliliters
how many times a day taketwice a day in the morning and evening
Proper time of intakeAfter eating food
whom to take withwith lukewarm water
Duration of intakeas advised by the doctor

लोध्रासव औषधि का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Precautions of Lodhrasava)

  • इस औषधि का सेवन पुरुषो को नही करना चाहिए या करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर लेनी चाहिए|
  • लोध्रासव औषधि का सेवन करते समय घी, दूध, चीनी, चावल आदि का सेवन ना करे|
  • Keep this medicine away from moisture.
  • लोध्रासव औषधि का सेवन सिमित मात्रा में ही करें|

लोध्रासव औषधि की उपल्बधता (Availability of Lodhrasava)

  1. बैधनाथ लोध्रासव (BAIDYANATH LODHRASAVA)
  2. बेसिक आयुर्वेदा लोध्रासव (BASIC LODHRASAVA)
  3. डाबर लोध्रासव (DABUR LODHRASAVA)
  4. अग्निवेश लोध्रासव (AGNIVESH LODHRASAVA)
  5. सांडू लोध्रासव (SANDU LODHRASAVA)
  6. कोट्टकल लोध्रासव (KOTTAKKAL LODHRASAVA)
  7. गुआफा लोध्रासव (GUAPHA LODHRASAVA)
  8. भारद्वाज आयुर्वेदा लोध्रासव (BHRDWAJ AYURVEDA LODHRASAVA)
  9. दीप आयुर्वेदा लोध्रासव (DEEP AYURVEDA LODHRASAVA)

Read more articles

Note- If you have any question feel free to ask. You will get the answer to every appropriate question. (If you have any question feel free to ask. I will respond to each valuable comment)

2 thoughts on “लोध्रासव: 13 विभिन्न बिमारियों को समाप्त करें सिर्फ यह एक औषधि

Comments are closed.