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किकोड़ा (Kikoda)

किकोड़ा का परिचय: (Introduction of Kikoda)

Table of Contents

किकोड़ा क्या है? (Kikoda kya hai?)

हरी सब्जियां खाने में भी स्वादिष्ट होती है और इसके साथ ही ये हमारे शरीर को स्वस्थ भी रखती है| हरी सब्जियों की जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम है| इनमे अनगिनत पोषक तत्व होते है जो हमें लाभ पहुंचाते है| इन में से ही एक सब्जी होती है किकोड़ा | बारिश के मौसम में आने वाली इस सब्जी को लोग बहुत पसंद करते है|

आयुर्वेद में इसके गुणों के कारण इसे एक औषधि का नाम दिया गया है| जो लोग इस सब्जी को पसंद करते है और बड़े ही चाव से खाते है उनके लिए ये बहुत काम की चीज़ है| ककोडा का प्रयोग आयुर्वेद के अनुसार रोगों का शमन करने के लिए किया जाता है| यह मधुमेह के लिए, वजन को घटाने के लिए काफी उपयोगी होती है|

इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, मैगनीज जैसे खनिज तत्व पाए जाते है जो हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते है| आइये आपको भी इसके औषधीय गुणों से परिचित कराते है ताकि आप भी इनका लाभ भरपूर मात्रा में ले सके|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Kikoda ki akriti)

इसकी एक चिकनी लता होती है जिसमे से गंध निकलती है| इसका तना पतला होता है| पत्तों के विभिन्न आकार होते है| इसके पत्तें चिकने न हो कर रवेदार होते है| फूलों का रंग पीला होता है जो बड़े होते है| इसकी बेल नर और मादा दोनों प्रकार की होती है| नर बेल में फल नही लगता है| फलों पर मुलायम कांटे लगे होते है जो चुभते नही है| इनका आकार गोल या अंडाकार होता है| फल हरे रंग का होता है जिसके बीज परवल के बीजों के समान होते है| इसके फूल और फल जून से अक्टूबर के बीच आते है|

किकोड़ा के सामान्य नाम Herbal Arcade
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किकोड़ा के सामान्य नाम (Kikoda common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Momordica dioica
अंग्रेजी (English)Spine gourd
हिंदी (Hindi)खेकसा, खेखसा, ककोड़ा, ककोरा
संस्कृत (Sanskrit)कर्कोटकी, कर्कोटक,पीतपुष्पा और महाजाली
अन्य (Other)बटकरीला (असमिया) कंटोला (गुजराती) आगाकर (तेलुगु) बोनकरेला  (बंगाली) चटेल (नेपाली)
कुल (Family)Cucurbitaceae

किकोड़ा के आयुर्वेदिक गुण धर्म (Kikoda ke ayurvedic gun)

दोष (Dosha) कफशामक (pacifies cough)
रस (Taste) तिक्त (bitter), कटु (pungent)
गुण (Qualities) लघु (light), तीक्ष्ण (strong)
वीर्य (Potency) उष्ण (hot)
विपाक(Post Digestion Effect) कटु (pungent)
अन्य (Others)व्रणशोधन, रसायन, मधुमेहनाशक
Ayurvedic properties of kikoda Herbal Arcade
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किकोड़ा के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Kikoda ke fayde or upyog)

मधुमेह में किकोड़ा का प्रयोग (Kikoda for diabetes)

  • मधुमेह के रोगियों को कई खानपान की चीजों से परहेज करना पड़ता है| जिनमें मुख्य रुप से मीठी चीजें शामिल होती हैं| डायबिटीज में मधुमेह के रोगी यदि ककोड़ा की जड़ का चूर्ण बनाकर लेते हैं तो मधुमेह में लाभ मिलता है| इसे आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में एक से दो बार तक ले सकते हैं|

वजन घटाएं (Kikoda for weight loss)

  • ककोड़ा की सब्जी वजन घटाने में मददगार होती है क्योंकि इसमें दूसरे खाद्य पदार्थों की तुलना में बहुत कम मात्रा में कैलोरी पाई जाती है| यदि आप इसका सेवन निर्देशानुसार करते हैं तो आपके वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी|

आंखों के लिए लाभदायक किकोड़ा (Kikoda for eyes)

  • किकोड़ा में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है| यह विटामिन आंखों के लिए बहुत लाभदायक साबित होता है| इसके सेवन से आंखों की रोशनी तेज होती है तथा अन्य नेत्र विकारों का भी शमन होता है|

पाचन को स्वस्थ बनाएं किकोड़ा का सेवन (Kikoda for digestion)

  • ककोड़ा का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाने तथा इसकी क्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए काफी हद तक मददगार होता है| इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो पाचन तंत्र की क्रियाओं को करने में मदद करता तथा कब्ज की समस्या से राहत दिलाता है|

बालों का गिरना कम करें (Kikoda for hair fall)

  • गिरते बालों के लिए ककोड़े की जड़ को घिसकर बालों में लगाने से बालों का गिरना बंद होता है तथा बालों में मजबूती आती है इसके साथ ही बाल काले भी होते हैं| इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी बालों की मजबूती के लिए अच्छा होता है|

बुखार में फायदेमंद किकोड़ा (Kikoda for fever)

  • बुखार आने पर इस औषधि के फल की सब्जी बनाकर खानी चाहिए तथा इसकी जड़ का काढ़ा बनाकर शरीर पर रगड़ने से बुखार उतरती है तथा शरीर का तापमान सामान्य होता है|

बवासीर में (Kikoda for piles)

  • खूनी बवासीर में इसकी जड़ को भूरा होने तक सेककर दिन में एक से दो बार सेवन कराने से खूनी बवासीर का शमन होता है|

मूत्राशय की पथरी में किकोड़ा (Kikoda for kidney stone)

  • दूध के साथ इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर इसे मिलाकर पीने से पथरी टूटकर या गल कर मूत्र मार्ग द्वारा बाहर आ जाती है|

कैंसर से बचाव करें (Kikoda for cancer)

  • किकोड़े में उचित मात्रा में विटामिन सी कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम, प्रोटीन, वसा और फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं| यह सभी पोषक तत्व कैंसर से बचाव करने में मदद करते हैं| इसके अतिरिक्त शरीर में उत्पन्न फ्री रेडिकल तत्व का भी शमन करने में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है जिसके चलते कैंसर से बचाव होता है|

गर्भावस्था में लाभदायक किकोड़ा का सेवन (Kikoda for pregnancy)

  • गर्भवती महिला को बच्चे के पोषण का पूरा ध्यान रखना पड़ता है| ऐसे में उन सभी तत्वों की आवश्यकता होती है जो शरीर को बीमारियों से दूर स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं| ककोरे में वे सभी पोषक तत्व उपस्थित होते हैं जो एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे के लिए आवश्यक होते हैं| यदि गर्भवती महिला द्वारा इसका सेवन किया जाता है तो शिशु को पोषण मिलता है|

पीलिया में (Kikoda for jaundice)

  • पीलिया का शमन करने के लिए इसकी जड़ से प्राप्त रस को नाक में डालना चाहिए| आप इसके रस की एक से दो बूंद को नाक में डाल सकते हैं इससे कामला या पीलिया में जल्द लाभ मिलेगा|

प्लीहा की वृद्धि को नियंत्रित करें (Kikoda for spleen)

  • प्लीहा की वृद्धि होने पर बाँझ ककोड़ा की जड़ का चूर्ण बना लें| इस चूर्ण में पिसी हुई काली मिर्ची और मधु मिलाकर खाने से इसकी वृद्धि पर नियंत्रण होता है|

त्वचा रोगों का शमन करें (Kikoda for skin disease)

  • यदि आपको शाम पड़ते-पडते शरीर में खुजली होना शुरू हो जाती है तो ऐसे में पिसी हुई ककोरे की जड़ में तेल मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाने से खुजली का शमन होता है|
  • इसके पत्तों से निकलने वाले रस को तेल में अच्छे से पका लें| तेल की मालिश दाद वाले स्थान पर करने से दाद का शमन होता है|
  • ककोरे का सेवन कुष्ठ रोग में भी लाभदायक साबित होता है|

मिर्गी में किकोड़ा (Kikoda for epilepsy)

  • मिर्गी में बाँझ ककोड़ा की मूल को घिस कर उसमें शक्कर मिलाकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण को नस्य विधि से लेने से अपस्मार या मिर्गी में लाभ मिलता है|

हृदय के लिए (Kikoda for heart)

  • ह्रदय के लिए किकोड़े का सेवन काफी उत्तम होता है| यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है जिससे हृदय रोगों से बचाव किया जा सकता है तथा हार्ट अटैक जैसी समस्याओं से भी निजात मिल सकती है|

अस्थमा में (Kikoda for asthma)

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  • पानी के साथ काली मिर्च तथा बांझ किकोड़ा की जड़ का चूर्ण बनाकर मिला ले| इस गोल को अच्छे से मिलाकर अस्थमा के रोगी को पिलाएं तथा 60 मिनट के पश्चात दूध का भी सेवन कराएं| इससे अस्थमा का शमन होता है|

खांसी में लाभदायक (Kikoda for cough)

  • हल्के गर्म पानी के साथ बाँझ ककोड़ा की जड़ को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से खांसी दूर होती है|

कान दर्द में (Kikoda for ear ache)

  • घी में इस औषधि की जड़ का चूर्ण बनाकर रख ले| इसे कान में डालने से कान दर्द दूर होता है|

माइग्रेन में

  • किकोड़ा की जड़ को घी में सेककर नाक में अल्प मात्रा में कुछ बूंदे टपकाने से आधासीसी या माइग्रेन की समस्या समाप्त होती|
  • जड़ के स्थान पर आप जंगली ककोरे के पत्तों के स्वरस का भी प्रयोग कर सकते हैं|

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Kikoda)

  • जड़
  • पत्ती
  • फूल
  • फल

सेवन मात्रा (Dosage of Kikoda)

  • जूस -10-30 ml
  • चूर्ण -2-5 gram