Chitrakadi vati ke fayde Herbal Arcade
औषधी दर्शन

चित्रकादि वटी: फायदे, सेवन (CHITRAKADI VATI: BENEFITS)

चित्रकादि वटी का परिचय (Introduction of Chitrakadi Vati)

चित्रकादि वटी क्या हैं?? (Chitrakadi Vati kya hai?)

यह वटी मुख्य रूप से पाचन शक्ति को बढाने का कार्य करती हैं| चित्रकादि वटी में कई ऐसे तत्व होते हैं जो पेट से जुडी सारी समस्याओं का समाधान बहुत ही आसानी से कर देते हैं| सरल शब्दों में कहें तो पेट से जुडी हुई सारी समस्याओं का यह औषधि अकेले इलाज़ कर सकती हैं|

गैस बनना, पेट फूलना, पेट दर्द, कब्ज़, अतिसार और भी कई बिमारियों का इस औषधि के माध्यम से इलाज़ किया जा सकता हैं| मूत्र सम्बंधित रोगों को समाप्त करने और मूत्र मार्ग में संक्रमण को भी इस औषधि के माध्यम से खत्म किया जा सकता हैं| पेट में वायु या कफ का प्रकोप होने पर भी इस औषधि का प्रयोग किया जाता हैं|

चित्रकादि वटी के घटक द्रव्य (Chitrakadi Vati ke ghatak)

  1. चित्रकमूल की छाल
  2. पीपलामूल
  3. सज्जीखार
  4. यवक्षार
  5. सैंधा नमक
  6. सोंचर नामक
  7. काला नमक
  8. समुद्र नमक
  9. सांभर नमक
  10. सौंठ
  11. काली मिर्च
  12. छोटी पीपल
  13. घी में सेंकी हुई हींग
  14. अजमोद
  15. चव्य
  16. बिजोरा या दाड़िम का रस
chitrakadi vati contents herbal arcade
chitrakadi vati contents herbal arcade

चित्रकादि वटी बनाने की विधि (Chitrakadi Vati banane ki vidhi)

इस वटी को बनाने के लिए सबसे पहले सारी औषधियों का चूर्ण बना लीजिये| अब इस चूर्ण को बिजोरा या दाड़िम के रस में 1 दिन तक मर्दन करें| इसके बाद चने या मटर के दाने के समान गोलियां बना कर सुखा दें| यह सूखी हुई औषधि चित्रकादी वटी हैं| अब इस वटी का सेवन किया जा सकता हैं|

चित्रकादि वटी के फायदें और उपयोग (Chitrakadi Vati ke fayde or upyog)

चित्रकादि वटी के फायदें herbal arcade
चित्रकादि वटी के फायदें herbal arcade

पाचन शक्ति को मजबूती दें (for strong digestion)

चित्रकादी वटी मुख्य रूप से पाचन शक्ति को बढाने के लिए ही उपयोग में ली जाती हैं| यह वटी व्यक्ति के शरीर में मंद पड़ी पाचक अग्नि को फिर से तीव्र कर देता हैं जिससे भोजन का पाचन आसानी से हो जाता हैं और अपच, गैस, कब्ज़ जैसी समस्या नही आती हैं|

यदि व्यक्ति के शरीर में पाचक अग्नि मंद होगी तो व्यक्ति भोजन का पाचन करने में असमर्थ रहेगा| भोजन का पाचन ना हो पाने से व्यक्ति का शरीर भी कमजोर होता जायेगा| यह समस्या अधिक दिनों तक रहने से किसी भी व्यक्ति का चिडचिडा हो जाना एक आम बात है|

इस वटी का प्रयोग नियमित रूप से उचित मात्रा में करने पर जल्द ही पाचक अग्नि तीव्र होती हैं जिससे भोजन का पाचन आसानी से हो जायेगा| पेट से जुडी हुई सारी समस्याओं को हमेशा के लिए खत्म करना हैं तो सबसे उपयुक्त आयुर्वेदिक औषधि चित्रकादि वटी हैं|

भूख बढ़ाने में सहायक (for increase hunger)

यह औषधि पाचन तंत्र को सही करने के साथ साथ भूख को बढाने में भी सहायता करती हैं| जब पाचन तंत्र सही होगा तो भूख सही समय पर और सही मात्रा में लगेगी जिससे व्यक्ति को भोजन का पोषण पूरी तरह से प्राप्त होगा और वह हष्ट पुष्ट बना रहेगा|

पेचिश को समाप्त करें

जब शरीर में आँतों की सूजन के साथ साथ दस्त हो जाती हैं और कभी कभी खूनी दस्त भी आती हैं तो इस स्थिति में चित्रकादी वटी का प्रयोग उपयुक्त रहता हैं| यह समस्या गंभीर हो कर संग्रहणी रोग में बदल सकती हैं| यह समस्या दूषित जल और दूषित भोजन के कारण हो सकती हैं| सामान्य दस्त में भी यह औषधि कारगर साबित हुई हैं| इस वटी के प्रयोग से रोगी को जल्द ही राहत मिल जाती हैं|

मूत्र से जुडी हुई समस्या का समाधान (for urinary problems)

चित्रकादि वटी का प्रयोग पेशाब कम आने की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता हैं| इसके अतिरिक्त मूत्र मार्ग में किसी भी तरह के संक्रमण से भी यह वटी आराम दिलाती हैं| चित्रकादी वटी का नियमित रूप से सेवन करने पर पेशाब का कम आना और मूत्र मार्ग में संक्रमण की समस्या से जल्द आराम मिलता हैं|

आम दोष नाशक

चित्रकादि वटी पेट, भूख की समस्या, पेचिश और मूत्र से जुड़े हुए रोगों को खत्म करने के साथ साथ शरीर में उपस्थित विषाक्त पदार्थो को भी बाहर निकालने का मत्वपूर्ण काम करती हैं| चित्रकादी वटी के इस कार्य को करने से व्यक्ति के शरीर में उपस्थित वायरस और बेक्टेरिया खत्म हो जाते हैं जिससे व्यक्ति निरोगी रहता हैं|

चित्रकादि वटी की सेवन विधि (Chitrakadi Vati ki sevan vidhi)

  1. 2-4 गोली का सेवन सुबह शाम खाना खाने के बाद करना चाहिए|
  2. चित्रकादी वटी का सेवन जल के साथ किया जा सकता हैं|

चित्रकादि वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Chitrakadi Vati ke sevan ki savdhaniya)

  1. गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस वटी का सेवन करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह जरुर लें|
  2. जीर्ण रोगी को भी इस वटी का सेवन करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए|
  3. अलग अलग रोगों में वटी का सेवन करने की मात्रा भी अलग अलग होती हैं अतः इसका सेवन बिना परामर्श के ना करें|

चित्रकादि वटी की उपलब्धता (Chitrakadi Vati ki uplabdhta)

  • बैधनाथ चित्रकादि वटी (BAIDYANATH CHITRAKADI VATI)
  • दिव्य चित्रकादि वटी (DIVYA PHARMACY CHITRAKADI VATI)
  • दीप आयुर्वेदा चित्रकादि वटी (DEEP AYURVEDA CHITRAKADI VATI)
  • रिद्धि हेल्थ केयर चित्रकादि वटी (RIDDHI HEALTH CARE CHITRAKADI VATI)
  • डाबर चित्रकादि वटी (DABUR CHITRAKADI VATI)
  • श्री गंगा फार्मेसी चित्रकादि वटी (SHRI GANGA PHARMACY CHITRAKADI VATI)
  • आयु मंत्रा चित्रकादी वटी (AAYU MANTRA CHITRAKADI VATI)
  • स्वदेशी चित्रकादी वटी (SWADESHI CHITRAKADI VATI)
  • डी.ए.वी. फार्मेसी चित्रकादी वटी (D.A.V. PHARMACY CHITRAKADI VATI)

कांचनार गुग्गुल