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औषधी दर्शन

सारिवादि वटी: फायदें, सेवन (Sarivadi vati: Benefits, doses)

सारिवादि वटी क्या होती हैं ? (What is Sarivadi vati?)

Table of Contents

सारिवादि वटी का परिचय (Introduction of Sarivadi vati)

सारिवादि वटी सारिवा अर्थात अनंतमूल से बनायीं जाती हैं| इस वटी का मुख्य उपयोग कान के सभी रोगों को दूर करने के लिए किया जाता हैं| कान का बहना, कान का गूंजना, कम सुनना जैसी और भी कई समस्याओं पर यह प्रभावशाली रूप से काम करती हैं|
इसके अलावा सभी प्रकार के प्रमेह, रक्तपित्त की समस्या, टी.बी. रोग. श्वास रोग, अर्श, ह्रदय रोग में भी यह काफी फायदेमंद होती हैं| ह्रदय रोग नपुसंकता, मिर्गी रोग, पुराना बुखार, जी मचलाना, और भूख कम लगना तथा शरीर में ऐंठन या मरोड़ की समस्या को भी इसके उपयोग से खत्म किया जा सकता हैं|

सारिवादि वटी के घटक द्रव्य (Contents of Sarivadi vati)

  • सारिवा (अनंतमूल)
  • मुलेठी
  • कूठ
  • दालचीनी
  • तेजपत्र
  • इलायची
  • नागकेसर
  • प्रियंगु
  • कमल के फूल
  • गिलोय
  • लोंग
  • हरड
  • आंवला
  • बहेड़ा
  • अभ्रक भस्म
  • लोह भस्म
  • भांगरे का रस
  • श्वेत अर्जुन की छाल का क्वाथ
  • जावके क्वाथ
  • माकोय के रस
  • गुन्जामूल का क्वाथ
sarivadi vati contents herbal arcade
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सारिवादि वटी बनाने की विधि (How to make Sarivadi vati)

इस को बनाने के लिए सारी औषधियों का चूर्ण बना लें| अब इस चूर्ण में सारी भस्मे डाल दें| अब बताये गए सभी रस और क्वाथ में इस मिश्रण को भावना दे कर गोलियां बना लें तथा सूखा दें| अब यह पूरी तरह तैयार हैं तथा इसका सेवन किया जा सकता हैं|

सारिवादि वटी के फायदें और उपयोग (Benefits of Sarivadi vati)

कान के रोगों को खत्म करें (For Ear disease)

सारिवादी वटी मुख्य रूप से कान के सारे रोगों को समाप्त करने में काम आती हैं| कान बहना, कान का गूंजना, कम सुनना, कान में पीड़ा जैसी और भी कान से जुडी हुई कई सारी परेशानियों को इस वटी का सेवन करके समाप्त किया जा सकता हैं| तम्बाखू सूंघने से उत्पन्न तम्बाखू विष के कारण यदि कान में किसी भी प्रकार की तकलीफ आई हैं तो उसे इसका सेवन करके दूर किया जा सकता हैं|

यदि कान से जुडी हुई नाड़ी मृत हो गयी हो तथा कान का छेद ख़राब हो गया हो तो इस वटी का सेवन करने से कोई मुख्य फायदा नही होता हैं|

सारिवादी वटी के फायदे herbal arcade
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रक्तपित्त की समस्या को दूर करें (For blood bile)

रक्त पित्त जिसे नकसीर भी कहा जाता हैं को यह दूर करने में फायदेमंद होती हैं| रक्तपित्त की समस्या सर्दियों के मुकाबले गर्मियों में अधिक देखने को मिलती हैं| किसी व्यक्ति द्वारा गर्मी में किसी गरम चीज़ का सेवन करने से ही नाक या अन्य किसी अंग से रक्त आना शुरू हो जाता हैं| इस स्थिति में यह वटी काफी उपयोगी होती हैं|

टी.बी. रोग में लाभदायक (For T.B.)

जब खांसी का सही समय पर इलाज़ नहीं कराया जाता हैं तो यह खांसी आगे चल कर टी.बी. का रूप ले लेती हैं| इस रोग में खांसते समय म्यूकस और कभी कभी खून भी निकल जाता हैं| टी.बी. के रोगी को रात में पसीना आने लगता हैं| इस बीमारी को समाप्त करने में सारिवादी वटी हमारी सहायता करती हैं|

जीर्णज्वर को दूर करें (In chronic fever)

यह किसी भी प्रकार के पुराने बुखार और साधारण बुखार दोनों की ही जड़ से खत्म करने में सहायक होती हैं| इसके औषधीय गुण बुखार के संक्रमण को खत्म कर रोगों से लड़ने में सहायता प्रदान करते हैं|

नपुसंकता दूर करें

इसका प्रयोग पुरुषो के द्वारा किये जाने पर नपुसंकता का नाश होता हैं और हर पुरुष सारिवादी वटी के सेवन से संतान प्राप्त कर सकता हैं|

मिर्गी रोग को समाप्त करने में सहायक (For Epilepsy )

मिर्गी रोग तंत्रिका तंत्र से जुदा हुआ एक विकार हैं जिसमे रोगी को दौरा पड़ता हैं| इस विकार को समाप्त करने में सारिवादी वटी एक सहायक औषधि होती हैं| इसके सेवन से तंत्रिका तंत्र से जुड़े विकार को समाप्त किया जा सकता हैं|

मदात्यय रोग में लाभ दें

इस रोग में जी मचलना और भूख कम लगना जैसी कई समस्याएँ आती हैं| शरीर में ऐंठन और मरोड़ भी इसका एक लक्षण होता हैं| इन परेशानियों से निपटने के लिए इसका प्रयोग करना चाहिए| यह इन सभी में काफी लाभदायक होती हैं|

अन्य फायदें (Other benefits of Sarivadi vati)

  • प्रमेह रोगों में लाभदायक
  • श्वास रोगों में उत्तम
  • ह्रदय को मजबूत बनाये
  • अर्श रोग में सहायक
  • मधुमेह में

सारिवादि वटी के सेवन का प्रकार और मात्रा (Doses of Sarivadi vati)

  • इसकी 1-1 गोली दिन में दो बार लेनी चाहिए|
  • धारोष्ण दूध, चन्दन के अर्क या शतावरी के क्वाथ के साथ इस वटी का सेवन किया जा सकता हैं

सारिवादि वटी का सेवन करते समय रखी जाने वाली सावधानियाँ (Precautions of Sarivadi vati)

  • गर्भवती महिला को इस वटी का सेवन नही करना चाहिए|
  • वटी का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए|
  • यदि आप अन्य किसी रोग से ग्रसित हैं और उसकी चिकित्सा ले रहें हैं तो चिकित्सक की सलाह के बाद ही इसका सेवन शुरू करें|

सारिवादि वटी की उपलब्धता Availability of Sarivadi vati

  1. बैधनाथ सारिवादी वटी
  2. ऊंझा सारिवादी वटी
  3. दिव्य फार्मेसी सारिवादी वटी
  4. साधना सारिवादी वटी

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