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भिण्डी (Bhindi)

भिण्डी का परिचय: (Introduction of Bhindi)

Table of Contents

भिण्डी क्या है? (Bhindi kya hai?)

भिन्डी को तो आप सब ने देखा ही होगा और जानते ही होंगे, क्योकि यह समस्त  भारत में खाई जाने वाली सब्जी है जिसे कोई भी अनदेखा नही कर सकता है| इस भिण्डी से पराठे, रायता, पकोड़े ही नही बनाया बल्कि इस भिण्डी के कुछ और भी प्रयोग है| क्या आपको पता है यह एक औषधि भी है| जिसके फायदों बारे में जानकर आप हैरान हो जाओगे | यह सब्जी होने के साथ – साथ ही पौषक तत्वों का भंडार भी है|

क्या आपको पता है की जिसे आप साधारण समझते है| उस भिण्डी को बहुत सारी बीमारियों में प्रयोग में किया जाता है| वास्तव में भिंडी खाने के फायदे अनेक हैं| अगर आप भिंडी के सेवन से होने वाले फायदे जानेंगे, तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे|

आयुर्वेद के अनुसार मूत्र रोग, सुजाक, कैसर, प्रदर, पेट के विकार, योनि आदि रोगो में इसका इस्तेमाल किया जाता है| यह पित्त के रोग के साथ – साथ मल संबंधित परेशानियों को भी दूर करता है| आज आपको ऊँगली के सम्मान दिखने वाली भिण्डी के फायदों के बारे में विस्तार से परिचित करवाएँगे|

बाह्य स्वरुप (आकृति विज्ञान) (Bhindi ki akriti)

भिण्डी का प्रयोग सब्जी बनाने में किया जाता है| इसका फल ऊँगली के समान होती है| इसका पौधा  सीधा व पूरा पौधा रोमों से युक्त होता है| इसके पत्ते कपास के पत्तो जैसे हरे रंग के  होते है| इसके फूल पीले होते है और इसके फल इसके फल हरे रंग के होते हैं| भिंडी के फल आगे की तरफ से नुकीले, या पतले होते हैं तथा इसका आधार मोटा होता है| फल के अंदर सफेद रंग के गोलाकार, चिपचिपे द्रव्य से युक्त अनेक बीज होते हैं|  इसका फलकाल और फुलकाल पूरे साल तक रहता है पर मुख्य रूप से जून दिसम्बर तक होता है|

भिण्डी के पौषक तत्व (Bhindi ke poshak tatva)

  • विटामिन A, C, B-6, D
  • कैल्शियम
  • पोटेशियम
  • मैग्नीशियम
  • फास्फोरस 
  • आयरन 

`भिण्डी के सामान्य नाम (Bhindi common names)

वानस्पतिक नाम (Botanical Name)Abelmoschus esculentus   
अंग्रेजी (English)Lady’s finger
हिंदी (Hindi)भिण्डी, रामतोरई
संस्कृत (Sanskrit)तिण्डिशा, भेण्डा, करपर्णफल, गन्धमूला  
अन्य (Other)भिन्डी (उर्दू) बेन्डो  (कोकणी) बेन्डेकायी  (कन्नड़) भिंडो  (गुजराती) वेन्डी  (तमिल) वेन्डा  (तेलगु) भेण्डी (बंगाली) रामतोरिया  (नेपाली) भिंडी  (पंजाबी) वेन्टा  (मलयालम) भेण्डी  (मराठी) बामीया  (अरबी) बामीयाह  (फारसी)
कुल (Family)Malvaceae
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भिण्डी के औषधीय फायदे एवं उपयोग (Bhindi ke fayde or upyog)

मूत्र रोग में भिण्डी का उपयोग (Bhindi for urinary disease)

  • यदि आपको मूत्र रोग जैसे पेशाब का रुक रुक कर आना पेशाब करते समय दर्द होना, या मूत्र नलिका संम्बधित विकार हो तो भिण्डी का उपयोग आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है|  भिण्डी के फल का काढ़ा बनाकर पिने से आपको मूत्र रोग से राहत मिलती है|

सुजाक में

  • सुजाक एक यौन रोग है, जो महिला या पुरुष किसी को भी हो सकता है| कई पुरुषों में सुजाक के लक्षण दिखाई नहीं पड़ते| सामान्यतः पुरुषों में इस बीमारी में पेशाब करते समय जलन होने लगते हैं| लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव होता है| इसी तरह के लक्षण महिलाओं में भी पेशाब करते समय दर्द, या जलन होती है| मासिक धर्म के बीच योनि से खून भी निकलता है| इसलिए इस रोग से छुटकारा पाने के लिए  भिण्डी की जड़ के चूर्ण में मिश्री मिलाकर खाने से  सुजाक रोग में लाभ होता है|

सफेद प्रदर में भिण्डी

  • भिण्डी का सेवन आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है| जिन महिलाओ के सफेद प्रदर की समस्या है तो वह भिण्डी का प्रयोग करे इसके लिए फल का काढ़ा बनाकर सेवन करने से आपको सफेद पानी से छुटकारा मिलता है|

योनि के रोग में भिण्डी

  • यदि आपको योनि संबंधित कोई सा भी रोग है तो भिण्डी के जड़ का काढ़ा बनाकर दिन के तीन बार एक महीने तक पिने से  योनि के रोगो में लाभ मिलता है|

वीर्यपात में

  • इस रोग से लोग बहुत ही परेशान रहते है और इस समस्या से निजात पाने के लिए लोग इलाज भी करते है लेकिन इतना फर्क ही नही पड़ता है| इसलिए आपको भिण्डी का उपयोग करना चहिए इसके लिए भिण्डी के फलो को मसलकर इसमे मिश्री मिलाकर सेवन करने से विर्यस्त्राव की समस्या में बहुत ही जल्दी आपको लाभ मिलता है|
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पेट के विकार में (Bhindi for stomach)

  • यदि आपको पेट संबंधित कोई भी समस्या है तो आपको भिण्डी का उपयोग करना चहिए इसके लिए भिण्डी के फलो की सब्जी बनाकर सेवन करने से दस्त और पेचिश की परेशानी से निजात मिलता है|

घाव में (Bhindi for wound)

  • भिंडी घाव को सुखाने के काम में भी लाई जाती है| अगर किसी व्यक्ति के शरीर पर घाव है और वह ठीक नहीं हो रहा है, तो भिंडी के पत्तों को पीसकर घाव पर लगाएं| इससे घाव जल्दी ठीक हो जायेगा|

खुजली में (Bhindi for itching)

  • अक्सर लोग जब खुजली से परेशान होते है जब कुछ लोग घरेलू नुस्खे अपनाते है| जब कोई उपाए काम नही कर रहा है तो भिण्डी का उपयोग करना चहिए  इसके लिए आपको भिण्डी के फलो को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लेप करने से खुजली ठीक होती है |

सूजन और दर्द में (Bhindi for inflammation)

  • यदि आपको कही पर चोट लगी है और  सूजन तथा दर्द हो रहा है तो भिण्डी के पत्तो को पीसकर ले करने से दर्द और सूजन से निजात मिलता है|

आँखों के लिए (Bhindi for eyes)

  • भिंडी में विटामिन सी, विटामिन ई और जिंक जैसे कुछ तत्त्व पाए जाते हैं, जो कि आँखों की रोशनी को बढ़ाते है और आखों को भी स्वस्थ रखने में सहयोगी होते है| इसके लिए भिण्डी का सेवन करना चहिए|

ह्रदय के लिए भिण्डी (Bhindi for heart)

  • भिंडी में उष्ण गुण होने के कारण यह शरीर की पाचक अग्नि को बढ़ाने में मदद करती है जिसके कारण यह शरीर के विषैले तत्व ,आम, को पचाने में सहायक होती है| आम का पाचन होने के कारण कोलेस्ट्रॉल बढ़ने जैसी समस्या नहीं होती है और हृदय को स्वस्थ रूप से कार्य करता रहता है| 

कैंसर में उपयोगी भिण्डी (Bhindi for cancer)

  • भिंडी का सेवन कैंसर से बचाव में मदद करता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट तत्त्व दूसरी सब्ज़ियों कि तुलना में ज्यादा होते हैं, जो कि कैंसर से लड़ने में सहायक होते है| 

आग से जलने पर भिण्डी

  • अगर आग से कोई अंग जल जाए तो भिंडी का उपयोग करें| इसके लिए भिण्डी के पत्तों को पीसकर जलने वाले स्थान पर लगाएं| इससे जलन शांत हो जाती है, और आपको आराम मिलता है|

मधुमेह में (Bhindi for diabetes)

  • शुगर के बढ़ने की एक वजह पाचन का खराब होना भी माना गया है, जिसमे शरीर में आम बनना शुरू हो जाता है| भिंडी में अम्ल एवं उष्ण गुण होने के कारण यह पाचन को स्वस्थ रखती है साथ ही शुगर को भी नियंत्रित रखने में सहयोग देती है|  

बालो के लिए (Bhindi for hair)

  • यदि आपको बालो संबंधित कोई भी समस्या है तो आपको भिण्डी  का उपयोग करना चहिए, इसे आपके बाल जड़ना और सफेद होना बंद हो जायेंगे| इसमे कुछ ऐसे विटामिन पाए जाते है जो  बालो के लिए बहुत ही लाभकारी होता है |

उपयोगी अंग (भाग) (Important parts of Bhindi)

  • जड़
  • पत्ती
  • फूल
  • फल

सेवन मात्रा (Dosages of Bhindi)

  •  इस औषधि का उपयोग चिकित्सक के अनुसार ही प्रयोग करे|

सावधानियां- (Precautions of Bhindi)

  • यदि आपको खांसी, कब्ज, वात तथा पीनस रोग  है तो  भिण्डी का उपयोग नही करना चहिए|